दुबई। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वहाब रियाज का मानना है कि डे-नाइट टेस्ट में जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती जाती है, वैसे-वैसे ही गुलाबी गेंद से गेंदबाजी करना मुश्किल होता है।
वहाब ने वेस्टइंडीज के खिलाफ गुलाबी गेंद से हो रहे पहले डे-नाइट टेस्ट मैच के तीसरे दिन की खेल समाप्ति के बाद कहा कि गुलाबी गेंद से गेंदबाजी करने में हमें दिक्क्त आ रही है, खासकर तब जब ओंस पड़नी शुरू हो जाती हैं और हमें लाइट के अंदर गेंदबाजी करनी होती है। पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच गुलाबी गेंद से यह पहला और ओवरऑल दूसरा डे-नाइट टेस्ट मैच है।
31 वर्षीय वहाब ने कहा कि पहले 2 सत्र तो इसमें कोई दिक्कत नहीं होती है लेकिन तीसरे सत्र में जब गेंद गीली हो जाती है तो इससे स्विंग नहीं हो पाती है। अगले दिन जब हम इसी गेंद से गेंदबाजी करते हैं तो गेंद बिलकुल नरम रहती है तथा स्विंग करना बंद कर देती है।
तेज गेंदबाज ने कहा कि 55 ओवरों के बाद गीली होने के कारण गेंद अपना आकार बदल लेती है और फिर हमें नई गेंद लेनी पड़ती है। सोहेल ने इसलिए सैमुअल्स को आउट किया, क्योंकि नई गेंद काफी ठोस थी और यह रुक-रुककर बल्ले पर जा रही थी। वहाब ने तीसरे दिन के आखिरी सत्र में 2 विकेट झटके हैं। (वार्ता)