पोर्ट ऑफ स्पेन: श्रीलंकाई ओपनर धनुष्का गुनातिलका ने कहा है कि एंटीगुआ में पहले एकदिवसीय मैच के दौरान वेस्ट इंडीज के कप्तान और मध्यम तेज गेंदबाज कीरोन पोलार्ड ने क्षेत्र रक्षण में बाधा डालने वाली अपनी विवादास्पद अपील के लिए उनसे माफी मांगी है।
गुनातिलका ने यहां शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा, “पहले एकदिवसीय मुकाबले में वेस्टइंडीज की जीत के बाद पोलार्ड मेरे पास आए और इस घटना के बारे में बातचीत की। पोलार्ड ने माफी मांगते हुए मुझसे कहा कि उन्होंने उस समय ठीक से नहीं देखा था और वीडियो देखने के बाद ही उन्हें महसूस किया कि मैंने कुछ नहीं किया था।”
उल्लेखनीय है कि 10 मार्च को वेस्ट इंडीज और श्रीलंका के बीच पहले एकदिवसीय मुकाबले के दौरान श्रीलंका की पारी के 22वें ओवर में एक विवादस्पद घटना घटी थी। तब गुनातिलका 55 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। 22वें ओवर की पहली गेंद पर गुनातिलका डिफेंस शॉट खेलते हुए एक रन के लिए क्रीज से भागे और इस दौरान पोलार्ड रन आउट के लिए गेंद लेने के लिए खड़े थे। इस बीच पोलार्ड और अन्य खिलाड़ियों की अपील पर गुनातिलका को क्षेत्र रक्षण में बाधा पहुंचाने के लिए आउट करार दे दिया गया था।
ऐसे वाक्ये क्रिकेट के मैदान पर काफी देखे गए हैं। पाकिस्तान के कप्तान इंजमाम उल हक और मोह्मद हफीज तक ऐसे आउट हुए हैं। लेकिन नियम यह कहता है कि अगर बल्लेबाज रन लेने की कोशिश में हो और थ्रो करने वाले फील्डर को देखकर अपना रास्ता बदले और गेंद उसके शरीर पर लगे तो वह आउट करार दिया जाएगा।
लेकिन यहां तो गुणाथिलका नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े बल्लेबाज को रन ना लेने के लिए मना कर रहे थे। बस गलती उनसे यह हुई कि गेंद पर लपकने वाले पोलार्ड जिस गेंद को उठाने वाले थे उस गेंद को वह पीछे ले गए। इस कारण उन्हें आउट दिया गया । क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह काफी क्रूर निर्णय है।
श्रीलंकाई टीम को मेजबान टीम से टी-20 सीरीज हारने के बाद आज अपना दूसरा और 14 मार्च को तीसरा एकदिवसीय मैच खेलेना है। इसके बाद एंटीगुआ में दो टेस्ट खेले जाएंगे।(वार्ता)