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भारत के टी20 विश्व कप जश्न पर द्रविड़ चीख और रो रहे थे, इस स्पिनर ने किया खुलासा

हमें फॉलो करें भारत के टी20 विश्व कप जश्न पर द्रविड़ चीख और रो रहे थे, इस स्पिनर ने किया खुलासा

WD Sports Desk

, गुरुवार, 25 जुलाई 2024 (13:29 IST)
स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि बारबाडोस में भारत की खिताबी जीत के बाद विराट कोहली का पूर्व कोच राहुल द्रविड़ को टी20 विश्व कप ट्रॉफी सौंपना और कोच का खुशी में ‘चीखना और रोना’ कुछ ऐसा था जो हमेशा उनकी यादों में रहेगा।

पिछले महीने भारत ने दक्षिण अफ्रीका को करीबी फाइनल में हराकर अपना दूसरा टी20 विश्व कप जीता था जिसके बाद पूर्व कोच द्रविड़ ट्रॉफी को हाथ में उठाकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते नजर आए थे।

अश्विन ने स्वीकार किया कि यह 51 साल के द्रविड़ के लिए विशेष लम्हा था जो खिलाड़ी के रूप में आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) का खिताब नहीं जीत पाए लेकिन अंतत: कोच के रूप में ऐसा करने में सफल रहे।

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो में कहा, ‘‘मेरे लिए सबसे शानदार लम्हा वह है जब विराट कोहली राहुल द्रविड़ को बुलाते हैं और उन्हें कप (ट्रॉफी) देते हैं। मैंने उन्हें कप को गले लगाते हुए और रोते हुए देखा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल द्रविड़ चीख और रो रहे थे। मैंने उन्हें इसका लुत्फ उठाते हुए देखा।’’

अश्विन का मानना है कि द्रविड़ कैरेबिया में अपने मार्गदर्शन में एक और अभियान को लेकर डरे हुए थे क्योंकि 2007 एकदिवसीय विश्व कप में उनकी कप्तानी में टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक डरे हुए व्यक्ति के बारे में बात करना चाहता हूं। 2007 में 50 ओवर का विश्व कप। भारत बाहर हो गया। राहुल द्रविड़ तब कप्तान थे। उन्होंने इसके बाद एकदिवसीय टीम की कप्तानी नहीं की।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘वह भारतीय टीम के साथ थे। अगर कुछ गलत होता, अगर भारतीय टीम बाहर हो जाती या अगर वे मैच हार जाते तो तुरंत वे पूछते कि द्रविड़ क्या रहे हैं।’’

अश्विन ने भारतीय कोच के रूप में द्रविड़ की कड़ी मेहनत को स्वीकार करते हुए कहा कि वह टीम में संतुलन लाए और दृष्टिकोण बदला।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि पिछले दो-तीन वर्षों से वह इस टीम के साथ क्या कर रहे हैं। मैं जानता हूं कि वह कितने संतुलित रहे हैं। मैं जानता हूं कि इस दृष्टिकोण को बदलने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है।’’

अश्विन ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि उन्होंने अपने प्रत्येक खिलाड़ी को क्या दिया है। यहां तक ​​कि जब वह घर पर बैठे होते हैं तब भी वह यह योजना बनाते रहते हैं कि यह कैसे करना है और वह कैसे करना है।’’

द्रविड़ के मार्गदर्शन में भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और एकदिवसीय विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचा लेकिन दोनों मौकों पर ऑस्ट्रेलिया से हार गया। (भाषा)

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