जयपुर: रजत भाटिया घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा नाम है। भाटिया 100 से अधिक प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं और बीते वर्षों में वे कई आईपीएल टीमों का भी हिस्सा रह चुके हैं। 95 आईपीएल मैचों में 71 विकेट ले चुके, रजत के पास आईपीएल का अच्छा अनुभव हैं और वह कई कप्तानों के साथ खेल चुके हैं।
उन्होंने हाल ही में स्पोर्ट्स टाइगर की नई इंटरव्यू सीरीज इंटरैक्ट, पर्सनल, लाफ एन्ड लाइफ के पहले एपिसोड में आईपीएल पर अपने विचार साझा किए और खुलासा किया कि जब एक कप्तान का चयन करने की बात आती है, तो फ्रेंचाइजी अपने-अपने तरीके आजमाती है।
रजत भाटिया एमआरएफ पेस फाउंडेशन का हिस्सा थे और अपने राज्य की टीम दिल्ली में लौटने से पहले उन्होंने तमिलनाडु की टीम के साथ अपने प्रथम श्रेणी घरेलू क्रिकेट करियर की शुरुआत की। आईपीएल में ऑलराउंडर प्रदर्शन करने के बाद कई टीमों के बीच उन्हें अपने खेमे में शामिल होने की होड़ लग गई। कई कप्तानों के तहत खेलने का अनुभव रखने वाले भाटिया ने आईपीएल में अपने दिल्ली के साथियों गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में खेलने का अनुभव साझा किया।
उन्होंने कहा, “मुझे वास्तव में गौतम गंभीर की कप्तानी में खेलने में बहुत मजा आया, हालांकि, दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए अपने तीसरे वर्ष के दौरान, उनकी कप्तानी में परिपक्वता की कमी थी, क्योंकि बतौर कप्तान वह पहली बार आईपीएल खेल रहे थे। लेकिन जब हम दोनों केकेआर टीम में चले गए और उन्हें कप्तान बनाया गया, तो मुझे संदेह था कि मैं उनकी कप्तानी का आनंद ले पाऊंगा या नहीं, लेकिन अगर आप और आपके कप्तान एक ही राज्य से हैं तो यह बहुत बड़ा फायदा है क्योंकि वह जानते हैं कि किस चीज की आवश्यकता है।
गौतम इसके बारे में जानते थे और ऐसा वीरेंद्र सहवाग ने भी किया था क्योंकि मैं दो साल तक दिल्ली डेयरडेविल्स में उनकी कप्तानी में खेला था। जब गौतम केकेआर के कप्तान थे तो उन्होंने मुझे अपनी प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाया और मुझे लगातार मौके दिए। वह हमेशा मुझे बताते थे कि वह मुझ पर विश्वास करते हैं और जानते हैं कि कैसे मेरा इस्तेमाल करना है और इसीलिए मुझे उनकी कप्तानी में खेलने में मजा आया।”
रजत ने आगे बताया कि कप्तान चुनने के दौरान हर आईपीएल फ्रैंचाइज़ी का अपना तरीका होता है और वे कप्तान के मामले में जाने-पहचाने नामों पर भरोसा करते हैं और घरेलू क्रिकेटर के बजाय एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का चयन करते हैं। हालांकि भाटिया इस बात से असहमत हैं, उन्होंने कहा, “मैं इसके पक्ष में कभी नहीं रहा। मुझे लगता है कि वे घरेलू क्रिकेटरों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं।”
भाटिया जो कि आईपीएल में राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स के लिए भी खेल चुके हैं, ने स्टीव स्मिथ की कप्तानी के बारे में भी बात की और कहा, “आप कभी भी धोनी की तुलना स्टीव स्मिथ से नहीं कर सकते। अगर सभी 10 फ्रेंचाइजियों की बात की जाए, तो स्मिथ मेरे लिए टॉप-10 कप्तानों में भी शामिल नहीं हैं।” उन्होंने आगे कहा, 'राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी स्मिथ को सौंपे जाने पर मुझे काफी आश्चर्य हुआ था।
स्मिथ को कप्तानी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उन्हें नहीं पता था कि निर्णायक स्थिति के बीच किस गेंदबाज को लाना है और डेथ ओवरों के लिए किस पर भरोसा करना है।” भाटिया का मानना है कि उनकी टीम 2017 के फाइनल में स्टीवन स्मिथ के कारण नहीं बल्कि महेंद्र सिंह धोनी के कारण फाइनल में पहुंची थी।(वार्ता)