राजकोट। बंगाल के अनुभवी बल्लेबाजों मनोज तिवारी और सुदीप चटर्जी की टूटती पिच पर संघर्षपूर्ण साझेदारी के बावजूद सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी फाइनल के तीसरे दिन बुधवार को यहां अपना पलड़ा भारी रखा। चटर्जी (145 गेंदों पर नाबाद 47) और तिवारी (116 गेंदों पर 35) ने चेतेश्वर पुजारा से प्रेरणा लेकर बल्लेबाजी की और 226 गेंदों पर 89 रन की साझेदारी करके बंगाल को 2 विकेट पर 35 रन की खराब शुरुआत से उबारने का अच्छा प्रयास किया।
इस पिच पर पहले दिन से गेंद काफी नीचे रह रही है और ऐसे में बंगाल के सामने सौराष्ट्र के पहली पारी के 425 रन के स्कोर को पार करना बड़ी चुनौती है। बंगाल ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 65 ओवरों में 3 विकेट पर 134 रन बनाए हैं और वह सौराष्ट्र से 291 रन पीछे है। चटर्जी के साथ रिद्धिमान साहा (43 गेंदों पर 4 रन) खेल रहे हैं।
सौराष्ट्र ने सुबह 8 विकेट पर 384 रन से आगे खेलना शुरू किया और सुबह के सत्र में एक घंटे 10 मिनट तक बल्लेबाजी की। इस दौरान उन्होंने 41 रन जोड़े। जयदेव उनादकट (20) और धर्मेन्द्र सिंह जडेजा (नाबाद 33) ने आखिरी विकेट के लिए 38 महत्वपूर्ण रन जोड़े।
पुजारा और अर्पित बासवदा ने दूसरे दिन 5 घंटे तक बल्लेबाजी करके सौराष्ट्र को अच्छी स्थिति में पहुंचाया था और बंगाल को भी मैच में बने रहने के लिए कुछ खास करना होगा। सौराष्ट्र की निगाहें जहां अपने पहले रणजी खिताब पर टिकी हैं वहीं बंगाल ने 1989-90 से ट्रॉफी नहीं जीती है। सौराष्ट्र के गेंदबाज चौथे दिन भी पिच से फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।
तिवारी के आउट होने से पता चलता है कि इस असमान उछाल वाली पिच पर बल्लेबाजी करना कितना मुश्किल है। चिराग जानी ने नीची रहती गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट किया। इससे पहले जब तिवारी 18 रन पर खेल रहे थे तब उन्होंने जानी की गेंद स्टंप पर खेल दी थी लेकिन वे नोबाल निकल गई थी। बंगाल के लिए दूसरा सत्र अच्छा रहा। उसने इस बीच 59 रन जोड़े और एक भी विकेट नहीं गंवाया।
बंगाल ने दोनों सलामी बल्लेबाजों सुदीप कुमार घरामी (26) और कप्तान अभिमन्यु मिथुन (9) के विकेट पहले सत्र में गंवा दिए थे। इससे पहले सुबह बंगाल के तेज गेंदबाज आकाशदीप ने जानी को आउट करके अपना चौथा विकेट लिया लेकिन अंतिम विकेट की साझेदारी से सौराष्ट्र 400 रन की संख्या पार करने में सफल रहा।