1 रन के लिए तरसता यह दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज कैच छूटने के बाद आ गया विकराल रूप में
जब कैच छूटा मुझे लगा अब भारत की ख़ैर नहीं : वान डेर डुसेन
नई दिल्ली: भारतीय टीम ने दक्षिण अफ़्रीका को पीछा करने के लिए 212 रन का बड़ा लक्ष्य दिया था और एक समय पर दस ओवरों के बाद साउथ अफ़्रीका 86 रन पर अपने तीन विकेट गंवा चुकी थी। जिसके बाद मुक़ाबला भारतीय टीम के पक्ष में नज़र आ रहा था।
मुक़ाबले के इस मोड़ पर रैसी वान डेर डुसेन 16 गेंदों पर 15 रन बनाकर खेल रहे थे। उनके साथ बल्लेबाज़ी कर रहे डेविड मिलर पांच गेंदों पर चार रन बनाकर खेल रहे थे। दक्षिण अफ़्रीका को आख़िरी दस ओवरों में जीत के लिए 126 रनों की दरकार थी जोकि टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में इस अवधि के दौरान किसी भी टीम ने हासिल नहीं किया था। लेकिन वान डेर डुसेन और मिलर ने घबराने की कोई ज़हमत नहीं उठाई।
वान डेर डुसेन ने मैच के बाद खुलासा करते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जब डेविड बल्लेबाज़ी करने आए तब मैंने उनसे कहा कि आप अपनी शैली के मुताबिक बल्लेबाज़ी कर सकते हैं लेकिन मैं आख़िरी दस ओवर में दस से 12 रन प्रति ओवर बनाने के लक्ष्य से संतुष्ट हूं। हम पैनिक नहीं हुए। क्योंकि हमें पता था कि आवश्यक रन रेट के 14-15 पर जाने के बाद भी हम दाएं और बाएं हाथ के कॉम्बिनेशन के साथ छोटी बाउंड्री का भरपूर फ़ायदा उठा सकते हैं।"
उन्होंने वैसा किया भी। शानदार फ़ॉर्म में चल रहे मिलर ने हर्षल पटेल को 12वें ओवर में एक चौका और छक्का जड़ दिया। हर्षल के अगले ओवर में उन्होंने और बेहतर करते हुए एक चौका और दो छक्के जड़ डाले। भारतीय गेंदबाज़ों ने पहली पारी को ध्यान से देखा था लिहाज़ा उन्होंने उसी के मुताबिक अपनी रणनीति को अमल में लाया। भुवनेश्वर ने पारी के तीसरे और अपने दूसरे ओवर में ही तेम्बा बवूमा को पवेलियन चलता कर दिया और उन्होंने अपने पहले स्पेल में दो ओवर करते हुए सिर्फ़ सात रन खर्च किए।
जब भुवनेश्वर पारी के 15वें ओवर में दूसरी बार गेंदबाज़ी करने आए तब उन्होंने उसी रणनीति के साथ गेंदबाज़ की। लेकिन तब तक पिच बल्लेबाज़ी के लिए पूरी तरह से मुफ़ीद हो चुकी थी। मिलर ने भुवनेश्वर की लगातार दो स्लोअर गेंदों को चौका और छक्के के लिए भेज दिया। मिलर ने महज़ 22 गेंदों में अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया जिस वजह से साउथ अफ़्रीका अब भी खेल में बनी हुई थी।
कैच छूटने तक 29 गेंदो में 30 रन बना पाए थे रासी
हालांकि दूसरी तरफ़ वान डेर डुसेन संघर्ष कर रहे थे। वह 30 गेंदों में 29 रन ही बना पाए थे। जब उन्होंने गेंद को टाइम करना शुरु भी किया तब भी गेंद सीधे फ़ील्डर को ही ढूंढ़ पा रही थी। इसके बाद क़िस्मत से उनको साथ मिला और आवेश ख़ान की गेंद पर श्रेयस अय्यर ने डीप मिडविकेट पर उनका एक आसान से कैच छोड़ दिया और एक ऐसी पारी जोकि दक्षिण अफ़्रीका की संभावित हार का कारण बन सकती थी एक मैच जिताऊ पारी में तब्दील हो गई।
वान डेर डुसेन ने कहा, "जब श्रेयस ने मेरा कैच छोड़ा तब मैंने यह सोच लिया था कि मुझे मिले इस जीवनदान की भारतीय टीम को पूरी कीमत चुकानी होगी क्योंकि लय प्राप्त करने में मुझे काफ़ी गेंद लग गए थे।" और उन्होंने ऐसा किया भी। अगली 15 गेंदों पर उन्होंने 45 रन ठोक डाले।
अगली 15 गेंदो में ठोक डाले 45 रन
आख़िरी चार ओवरों में दक्षिण अफ़्रीका को जीत के लिए 56 रनों की दरकार थी और वान डेर डुसेन ने आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए डेथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज़ हर्षल पटेल को लेग साइड में छोटी बाउंड्री की तरफ़ टारगेट करना शुरु किया। हर्षल ने राउंड द विकेट गेंदबाज़ी करते हुए यॉर्कर को मिस किया और वान डेर डुसेन ने दोनों ही फ़ुल टॉस गेंदों को लांग ऑन और बैकवर्ड स्क्वायर लेग के ऊपर से सीमा पर भेज दिया।
वान डेर डुसेन ने हर्षल के ख़िलाफ़ अपनाई रणनीति पर कहा, "मैंने उन्हें आईपीएल में काफ़ी देखा है, वह एक शानदार गेंदबाज़ हैं। उनके पास अच्छी स्लोअर गेंदें हैं, मुझे पता था कि वह दो छक्के खाने के बाद स्लोअर गेंद के लिए ही जाएंगे लेकिन कई बार आप ऐसा नहीं कर पाते। वह भी आख़िरकार एक इंसान ही हैं।"
हर्षल ने अपना कोण बदला और ओवर द विकेट आकर उन्हें ऑफ़ स्टंप के बाहर गेंदबाज़ी की। लेकिन वान डेर डुसेन ने क्रीज़ पर शफ़ल करते हुए एक और चौका और छक्का जड़ दिया जिसके बाद मुक़ाबला दक्षिण अफ़्रीका के पलड़े में झुक गया। हर्षल के महंगे ओवर के बाद साउथ अफ़्रीका को आख़िरी तीन ओवरों में अब जीत के लिए 34 रन चाहिए थे। भुवनेश्वर को आक्रमण पर लाया गया लेकिन मिलर और वान डेर डुसेन दोनों ही अच्छी लय में थे। पहले मिलर ने भुवनेश्वर के औवर की शुरुआत की, इसके बाद वान डेर डुसेन ने एक छक्का और दो चौके जड़ दिए। एक ऐसा लक्ष्य जो कि एक समय पर असंभव प्रतीत हो रहा था उसे इन दोनों बल्लेबाज़ों ने पांच गेंद शेष रहते ही अपनी टीम के नाम कर दिया।(वार्ता)