रविंद्र जड़ेजा से क्यों होती है रविचंद्रन अश्विन को ईर्ष्या? क्या रैंकिंग है कारण?
मैं जडेजा से ईर्ष्या करता हूं, काश मैं वैसा बन पाता, लेकिन जैसा हूं उससे भी खुश हूं: अश्विन
रविचंद्रन अश्विन ने रविंद्र जडेजा की जमकर प्रशंसा करते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि वह अपने इस स्पिन जोड़ीदार की असाधारण प्रतिभा से ईर्ष्या करते हैं और सोचते हैं कि काश वह उनकी तरह बन पाते।गेंदबाजी में जब जोड़ी की बात आती है तो जेहन में तेज गेंदबाज आते हैं लेकिन अश्विन और जडेजा ने स्पिन जोड़ी के रूप में टेस्ट क्रिकेट में नई पटकथा लिखी।
अब इन दोनों ने बल्लेबाजी में भी अच्छी जोड़ी बनाई है जिसकी बानगी बांग्लादेश के खिलाफ यहां चल रहे पहले टेस्ट मैच के दौरान भी देखने को मिली जब इन दोनों ने सातवें विकेट के लिए 199 रन की साझेदारी करके भारत को खराब शुरुआत से उबारकर चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया।
अश्विन ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा,मैं हमेशा उससे ईर्ष्या करता हूं कि वह कितना प्रतिभाशाली खिलाड़ी है। उसने अपनी क्षमता को अधिकतम स्तर तक पहुंचाने के तरीके ढूंढ लिए हैं। काश मैं वैसा बन पाता, लेकिन मैं जैसा हूं उससे भी खुश हूं।
चेन्नई के इस खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि दूसरे छोर पर जडेजा के होने से उन्हें अपना छठा टेस्ट शतक बनाने में मदद मिली।
अश्विन ने कहा,वह एक असाधारण क्रिकेटर है। मैं उसके लिए खुश हूं। मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में उसे बल्लेबाजी करते हुए देखने से मुझे यह भी पता चला है कि मैं कितना बेहतर हो सकता हूं।
जब गेंदबाजी की बात आती है तो इन दोनों की अपनी अलग-अलग शैली होती है लेकिन वे टीम को फायदा पहुंचाने के लिए एक दूसरे का साथ देकर आगे बढ़ना सीख गए हैं। यह दोनों जनवरी में अनिल कुंबले और हरभजन सिंह (501 विकेट) को पीछे छोड़कर भारत की सबसे सफल गेंदबाजी जोड़ी बन गई है।
अश्विन ने कहा,वह इसे वास्तव में इसे सरल बनाए रखता है। वह इसे (गेंदबाजी) दिन-ब-दिन दोहरा सकता है। हम दोनों एक साथ आगे बढ़े हैं और हम दोनों ने कुछ खास चीजें की हैं।
उन्होंने कहा,इस स्तर पर हम वास्तव में एक-दूसरे को महत्व देते हैं और हम दोनों एक-दूसरे की सफलता का पहले से कहीं अधिक आनंद ले रहे हैं।(भाषा)