टेस्ट क्रिकेट में डीआरएस (Decision Review System) के उपयोग पर भारत को शुरुआत से ही ऐतराज रहा। इसकी तकनीक पर भी काफी बहस हुई। लेकिन आखिरकार आईसीसी ने इस रिव्यू सिस्टम को हर टूर्नामेंट में अनिवार्य कर दिया।
इस रिव्यू सिस्टम की महत्ता आज भारत तो नहीं लेकिन न्यूजीलैंड जरूर जान गई होगी। अगर आज रिव्यू सिस्टम यानि कि मैदानी अंपायर के फैसले को चुनौती देने वाला सिस्टम मौजूद नहीं होता तो टॉम लैथम नाबाद अर्धशतक बनाकर दूसरे दिन के खेल के अंत में मुस्कुराकर अपने युवा साथी के साथ ड्रेसिंग रूम की ओर कदम नहीं बढ़ा रहे होते।
अपितु वह पारी की शुरुआत या फिर दिन का खेल खत्म होने से पहले अपना विकेट गंवा चुके होते। टॉम लेथम को आज एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन बार अंपायर ने गलत आउट दिया लेकिन रिव्यू के सही इस्तेमाल से टॉम लेथम सही सलामत क्रीज पर मौजूद हैं।
पहला जीवनदान
दूसरे ओवर की तीसरी गेंद लेथम के पैड पर लगी और गेंदबाज इशांत की अपील पर अंपायर नितिन मेनन ने उंगली उठा दी। टॉम लेथम ने अपना खाता तक नहीं खोला था। उन्होंने तुरंत इस फैसले पर रिव्यू लिया और अलट्रा एज में दिखा कि गेंद उनके बल्ले से जरा सी छुई है। ऐसे नितिन मेनन को अपना फैसला बदलना पड़ा। इस गेंद के तुरंत बाद लेथम ने चौका मारकर ईशांत के जले पर नमक छिड़का।
दूसरा जीवनदान
चौदहवें ओवर और रविंद्र जड़ेजा के पहले ओवर की आखिरी गेंद पर भारतीय खिलाड़ियों ने पगबाधा की अपील की। इस पर अंपायर ने उंगली तो उठा दी लेकिन लेथम ने तुरंत रिव्यू ले लिया। यहां पर तीसरे अंपायर को अल्ट्रा ऐज का भी इस्तेमाल नहीं करना पड़ा और रीप्ले में ही पता चल गया कि गेंद ने लेथम का बाहरी किनारा लिया है। इस वक्त लेथम 10 रनों पर खेल रहे थे।
तीसरा जीवनदान
दो बार पगबाधा में गच्चा खाने के बाद इस बार अंपायर ने विकेटकीपर के कैच को सही मान लिया। यह वाक्या दिन का खेल खत्म होने से ठीक पहले हुआ। अश्विन की एक गेंद साहा के ग्लब्स में गई और गेंदबाज की अपील पर अंपायर ने उंगली उठा दी।
लेकिन लेथम को पता था कि उन्होंने गेंद को नहीं मारा है। स्निको में कोई लंबी धारियां नहीं दिखी तो अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा। टॉम लेथम इस वक्त तक अपना अर्धशतक पूरा कर चुके थे।
दिलचस्प बात यह है कि पहले दो मौकों पर वह इस कारण बच पाए कि गेंद ने उनके बल्ले का किनारा लिया और तीसरी बार वह इस कारण बच गए कि गेंद उनके बल्ले को छूकर नहीं गुजरी।
टॉम लेथम 165 गेंदो का उपयोग कर 4 चौकों की मदद से 50 रन बना चुके हैं। उनसे पहले मोइन अली ऐसे खिलाड़ी है जिनको एक टेस्ट मैच में अंपायर ने आउट दिया था लेकिन तीनों मोकौं पर ही यह निर्णय बदलना पड़ा था। (वेबदुनिया डेस्क)