इंदौर। भारतीय क्रिकेटरों के लिए इंदौर काफी लकी रहा है। इसकी सरजमीं पर कई रिकॉर्ड बने हैं और इसे खुद खिलाड़ी भी बरसों तक याद रखता हैं। भारत के खिलाफ जब बांग्लादेश की टीम पहले टेस्ट के पहले ही दिन 150 रनों पर धराशायी हो गई तो रोहित शर्मा की बांछें खिल गईं, क्योंकि वे मयंक अग्रवाल के साथ ओपनिंग करने वाले थे।
भारतीय पारी के आठवें ओवर की दूसरी गेंद अबु जायद ने ऐसी डाली कि रोहित शर्मा चकमा खा बैठे और उनका कैच लपकने में लिटन दास ने कोई गलती नहीं की। रोहित शर्मा केवल 6 रन बनाकर पैवेलियन लौटे। 14 रन पर भारत ने अपना कीमती विकेट रोहित के रूप में खो दिया था।
होलकर पर रुतबा हासिल कर चुके हैं : मामूली से स्कोर पर रोहित शर्मा अपना विकेट गंवाने से काफी निराश थे, क्योंकि वे इंदौर के होलकर क्रिकेट स्टेडियम की पिच से वाकिफ थे। यहीं पर उन्होंने 22 दिसंबर 2017 को बतौर टी-20 कप्तान 43 गेंदों पर 118 रन बनाकर सबसे तेज टी-20 शतक की बराबरी की थी। यही नहीं श्रीलंका को 88 रनों से हराने वाली भारतीय टीम ने टी-20 में सबसे बड़ा स्कोर (5 विकेट पर 260) खड़ा किया था।
इंदौर में पूरे हुए 350 इंटरनेशनल मैच : रोहित शर्मा गुरुवार को जैसे ही मैदान पर उतरे उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 350 मैच पूरे कर लिए। रोहित शर्मा का यह 31वां टेस्ट मैच है और इसके अलावा उन्होंने टीम इंडिया के लिए 218 वनडे और 101 टी-20 मैच भी खेले हैं। मैच से पहले उन्होंने कहा था कि मेरा मन करता है कि इंदौर में खूब सारे रन बनाऊं।
6 रन पर आउट होना दुर्भाग्यपूर्ण : 350 इंटरनेशनल मैचों में कुल 44.16 की औसत से 13 हजार 339 रन बनाने वाले रोहित के बल्ले से 37 शतक और 70 अर्धशतक निकले हैं। 2019 उनके लिए सबसे शानदार साबित हुआ क्योंकि इस साल उन्होंने 9 शतक और 8 अर्धशतक बनाए हैं। बीते 12 सालों से दुनिया के क्रिकेटरों में अपना अलग रुतबा हासिल करने वाले रोहित का बांग्लादेश के खिलाफ 6 रन पर आउट होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
200 रन बनाने वाले मयंक अग्रवाल तीसरे क्रिकेटर : इंदौर में शुक्रवार को भारत के 28 वर्षीय सलामी टेस्ट बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने दोहरा शतक जमाया। वे 330 गेंदों पर 28 चौके और 8 छक्कों की सहायता से 243 रन बनाने में सफल रहे। यह तीसरा प्रसंग है जब इंदौर में किसी क्रिकेटर ने दोहरा शतक जमाया है।
उनसे पहले अक्टूबर 2016 में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में दोहरा शतक (211) जड़ा था। वैसे इंदौर की जमीन पर पहले दोहरे शतक पर विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का नाम लिखा गया। सहवाग ने 8 दिसंबर 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैचों का पहला दोहरा शतक (149 गेंदों में 219 रन) लगाया था।
सर्वाधिक 6 दोहरे शतक वीरू के नाम : बांग्लादेश के खिलाफ ओपनर के रूप में सर्वाधिक दोहरे शतक बनाने के मामले में मयंक अग्रवाल ने वीनू मांकड़ और वसीम जाफर की भी बराबरी कर ली, जिनके नाम 2-2 दोहरे शतक हैं। लीजेंड ओपनर सुनील गावस्कर ने 3 और सहवाग ने 6 दोहरे शतक बनाए हैं।
इंदौर में बना अनोखा रिकॉर्ड : मयंक के दोहरे शतक के साथ भारत के लिए भी एक अनोखा रिकॉर्ड बन गया। भारत पहली ऐसी टीम है जिसके लगातार 4 टेस्टों में दोहरे शतक बने हैं। मयंक ने विजाग (विशाखापट्टनम) में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 215, विराट कोहली ने पुणे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 254, रोहित शर्मा ने रांची में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 212 और अब इंदौर में मयंक ने बांग्लादेश के खिलाफ 243 रन बनाए।
होलकर स्टेडियम में जीत का शत-प्रतिशत रिकॉर्ड : होलकर स्टेडियम भारतीय क्रिकेट टीम के लिए हमेशा भाग्यशाली रहा है और यहां पर भारतीय जीत का शत-प्रतिशत रिकॉर्ड रहा है। यहां खेले गए 5 वनडे मैचों के अलावा 1 टी-20 और 1 टेस्ट मैच, सभी में टीम इंडिया विजयी रही है और अब भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ भी जीत के लिए कमर कस चुकी है।
होलकर स्टेडियम में टीम इंडिया की 5 वनडे जीत
1. भारत बनाम इंग्लैंड : भारत 7 विकेट से जीता (15 अप्रैल 2006)
2. भारत बनाम इंग्लैंड : भारत 54 रनों से जीता (17 नवंबर 2008)
3. भारत बनाम वेस्टइंडीज : भारत 153 रनों से जीता (8 दिसंबर 2011)
4. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका : भारत 22 रनों से जीता (14 अक्टूबर 2015)
5. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया : भारत 5 विकेट से जीता (24 सितंबर 2017)
एकमात्र टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में टीम इंडिया विजयी
इंदौर के होलकर स्टेडियम में भारत ने एकमात्र टी-20 मैच 22 दिसंबर 2017 को श्रीलंका के खिलाफ खेला, जिसे उसने 88 रनों के विशाल अंतर से जीता।
भारत और न्यूजीलैंड टेस्ट 4 दिन में खत्म
बांग्लादेश के पहले होलकर स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच 8 से 11 अक्टूबर के बीच एकमात्र टेस्ट मैच खेला गया था, जिसे टीम इंडिया ने 321 रनों के बड़े अंतर से जीता था। इस मैच की पहली पारी में कप्तान विराट कोहली ने दोहरा शतक (211) और अजिंक्य रहाणे ने 188 रनों की पारी खेली थी जबकि दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा 101 रन पर नाबाद रहे थे। तब यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी जीत मानी गई थी (टेस्ट सबसे बड़ी जीत 337 रनों से)।