मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को लगभग 38 साल पहले अंडर-15 क्रिकेट में बड़ौदा में खेली गयी शतकीय पारी अच्छे से याद है क्योंकि यह मुंबई के लिए उनका पहला शतक था।क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाजों में शामिल 51 साल के तेंदुलकर ने सोमवार को बैंक ऑफ बड़ौदा के ब्रांड दूत नियुक्त होने के बाद कहा कि उन्होंने मुंबई के लिए अपना पहला शतक बड़ौदा में ही लगाया था।
तेंदुलकर ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, इस कमरे में मौजूद बहुत से लोगों को यह नहीं पता होगा कि मैंने किसी भी आधिकारिक टूर्नामेंट, किसी भी आयु वर्ग में मुंबई के लिए पहला शतक बड़ौदा में बनाया था।उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि 1986 का साल था। मैंने अंडर-15 टूर्नामेंट खेलते हुए अपना पहला शतक बनाया था। हम बड़ौदा में महाराष्ट्र के खिलाफ खेल रहे थे और मैंने 123 रन बनाये थे।
तेंदुलकर ने कहा कि इसके कुछ समय के बाद उन्हें रणजी ट्रॉफी के लिए मुंबई की टीम में नामित किया गया था लेकिन वह एकादश में जगह नहीं बना सके थे और यह मैच भी बड़ौदा में ही खेला गया था।उन्होंने कहा, उस समय, मुझे वास्तव में आपके संस्थापक (बड़ौदा के महाराजा, सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय) के महल का दौरा करने का अवसर मिला। मैंने महल में रखी गयी उनकी विशेष चीजों को देखा।
उन्होंने कहा, अगर मैं गलत नहीं हूं, तो मैंने समरजीत गायकवाड़ (बड़ौदा के पूर्व खिलाड़ी) के खिलाफ भी खेला है। वह गायकवाड़ परिवार से ही हैं।रिकॉर्ड 463 एकदिवसीय खेलने वाले तेंदुलकर इस मौके पर यह जिक्र करना नहीं भूले कि उन्होंने अपना 400वां वनडे बड़ौदा में ही खेला था।
उन्होंने कहा, बड़ौदा में मेरे साथ कई विशेष चीजें हुईं। मुझे लगता है कि मेरा 400वां वनडे मैच भी बड़ौदा में खेला गया था। इसलिए यह जुड़ाव समय के साथ बढ़ता गया।(भाषा)