महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक भव्य समारोह में वानखेड़े स्टेडियम में दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की प्रतिमा का अनावरण किया।तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजलि और बेटी सारा के साथ पहुंचे थे।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में पूर्व बीसीसीआई और आईसीसी प्रमुख शरद पवार, मौजूदा बीसीसीआई सचिव जय शाह, कोषाध्यक्ष आशीष शेलार, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष अमोल काले और अन्य शामिल थे।
तेंदुलकर ने कहा,यह वास्तव में मेरे लिए एक विशेष क्षण है। यह फरवरी के आसपास की बात है जब शेलार और काले ने एमसीए की तरफ से मुझे फोन करके बताया कि वह स्टेडियम के अंदर मेरी प्रतिमा लगाना चाहते हैं। ईमानदारी से कहूं तो मुझे बहुत खुशी हुई। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि इस पर कैसी प्रतिक्रिया दूं।
उन्होंने कहा,,यहां खड़ा होकर मैं वास्तव में विनम्र बन जाता हूं। जब मैं इस मैदान पर आता हूं तो मेरे जेहन में कई यादें तैरने लग जाती हैं। इस मैदान पर चलना वास्तव में सम्मान की बात है जिसने मुझे जिंदगी में सब कुछ दिया।
तेंदुलकर ने कहा,जब मैं पहली बार 1983 में वानखेड़े स्टेडियम में आया था तो तब मैं 10 साल का बच्चा था। विश्व कप के बाद वेस्टइंडीज की टीम भारत दौरे पर आई थी और इस श्रृंखला को लेकर काफी उत्साह था। बांद्रा की मेरी कॉलोनी के दोस्त जिनमें मेरे भाई के मित्र भी शामिल थे, सभी ने यह मैच देखने की योजना बनाई थी।
उन्होंने कहा,मैं नहीं जानता कि ऐसा कैसे हुआ लेकिन 10 साल के सचिन को भी साथ में चलने के लिए कहा गया। हमने बांद्रा से ट्रेन ली और चर्च गेट पहुंचे। हमने इस पूरी यात्रा का आनंद लिया। मैं स्टेडियम में नॉर्थ स्टैंड पर बैठा था। हम क्रिकेटर जानते हैं कि नॉर्थ स्टैंड का क्या महत्व है। जब यहां बैठे दर्शक टीम के साथ होते हैं तो कोई भी विरोधी टीम भारत और मुंबई को नहीं हरा सकती।(भाषा)