कोई खिलाड़ी विश्वकप की टीम के रिजर्व में भी नहीं हो और अचनाक उसे नॉकआउट के लिए बुलावा आ जाए तो यह किस्मत का खेल ही समझिए। कुछ ऐसा ही हुआ शेफाली वर्मा के साथ जिन्होंने अगर God's Plan टैटू बनवाया तो महिला वनडे विश्व कप में भारत की खिताबी जीत के बाद साबित हो गया कि वाकई ईश्वर ने उनके लिये कुछ अच्छा ही सोचकर रखा था।
फॉर्म में चल रही सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल के चोटिल होने के कारण सेमीफाइनल से पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम में आई शेफाली फाइनल में अर्धशतक और दो विकेट से साथ Player of the Match रहीं। दिलचस्प बात यह है कि 26 अक्टूबर को प्रतिका चोटिल हुई और वनडे विश्वकप के लिए शेफाली को सोमवार सुबह कॉल आया। यानि कि उनके पास सेमीफाइनल के लिए 2 दिन और फाइनल के लिए 1 हफ्ते का समय भी नहीं था।
मुंबई में अगस्त के महीने में भारत की विश्व कप टीम का ऐलान करते हुए पूर्व मुख्य चयनकर्ता नीतू डेविड ने मीडिया को आश्वासन दिया था कि 21 वर्ष की शेफाली के लिये रास्ते बंद नहीं हुए हैं। पूर्व भारतीय स्पिनर नीतू ने कहा था कि सलामी बल्लेबाज के लिए शेफाली के नाम पर चर्चा हुई लेकिन रावल को तरजीह दी गई।नीतू ने कहा था, शेफाली हमारी योजनाओं में है। हमारी नजर उस पर है और वह अधिक खेलेगी तो भविष्य में वनडे में भारत के लिए खेल पाएगी।
वनडे टीम में प्रतिका रावल के अच्छे प्रदर्शन से शेफाली के लिये राह मुश्किल जरूर हो गई थी। लेकिन प्रतिका की चोट ने उनके लिये रास्ते खोल दिये जब वह सूरत में सीनियर महिला टी20 टूर्नामेंट खेल रहीं थीं। वह आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले टीम से जुड़ीं।उन्होंने सेमीफाइनल से पहले डी वाई पाटिल स्टेडियम और उसके यूनिवर्सिटी मैदान पर एक एक घंटे के दो अभ्यास सत्रों में भाग लिया।
सेमीफाइनल से पहले उन्होंने मीडिया से कहा था , प्रतिका के साथ जो हुआ, वह अच्छा नहीं था। कोई नहीं चाहता कि खिलाड़ी चोटिल हो लेकिन भगवान ने मुझे कुछ अच्छा करने के लिये भेजा है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह पांच गेंद में दस रन ही बना सकी लेकिन फाइनल में 87 रन बनाकर भारत के सात विकेट पर 298 रन के विशाल स्कोर की नींव रखी।रविवार के फाइनल से पहले 30 वनडे में उन्होंने सिर्फ पांच बार गेंदबाजी की थी लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जब उन्हें गेंद सौंपी को सभी को हैरानी हुई।उससे भी हैरानी इस बाद की हुई कि शेफाली ने खतरनाक दिख रही साझेदारी को तोड़ा और लुईस को अपनी ही गेंद पर कैच किया। वहीं हिटर मारीजैन कैप को भी सस्ते में चलता कर दिया।
यह तो समय ही बतायेगा कि शेफाली टीम में जगह बनाये रखेंगी या प्रतिका के आने पर बाहर होंगी लेकिन उन्होंने अपना नाम तो इतिहास में दर्ज करा लिया है। इससे पहले शेफाली अंडर 19 टीम की कप्तानी कर युवा टीम को विश्वकप जिता चुकी है।