आईपीएल नीलामी में शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों में शामिल न होने के बाद श्रीसंत ने कहा था कि उनके हौसले पस्त नहीं हुए हैं। उन्होंने लगभग 8 साल इंतजार किया है, इंतजार और सही। लिस्ट में भले ही मेरा नाम ना हो लेकिन यह दुख की बात नहीं है और वह लड़ते रहूंगा।
सभी फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों ने सोचा कि श्रीसंत सिर्फ बोलने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं। अब उनमें वह बात नहीं रही। लेकिन भारत के लिए विश्वकप 2011 का फाइनल खेल चुके श्रीसंत ने बता दिया कि वह इस बात को लेकर कितने गंभीर थे।
आज विजय हजारे ट्रॉफी में केरल और उत्तरप्रदेश के बीच मैच था। इस मैच में उत्तर प्रदेश की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 283 रन बनाए। यूपी की टीम पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल सकी और 49.4 ओवर में ऑल आउट हो गई। बल्लेबाज आकाशदीप ने सर्वाधिक 60 रन बनाए। यूपी की टीम को समेटने का सबसे बड़ा श्रेय श्रीसंत को जाता है जिन्होंने 9.4 ओवर में 65 रन देकर 5 बल्लेबाजों को आउट किया।
केरल के इस तेज गेंदबाज ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 15 साल बाद ऐसा कारनामा किया है। साल 2006 में श्रीसंत ने इंदौर के होलकर स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ 5 विकेट चटकाए थे। अपनी गेंदबाजी से उन्होंने साबित कर दिया की अब भी उनमें बहुत दमखम बाकी है।
गौरतलब है कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग विवाद में फंसने के बाद हाल ही में क्रिकेट में वापसी करने वाली टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज शांतकुमारन श्रीसंत को आईपीएल नीलामी के शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों जगह नहीं मिली थी।
आईपीएल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग विवाद में नाम जुड़ने के बाद श्रीसंत का निलंबन पिछले वर्ष सितंबर में खत्म हुआ था जिसके बाद हाल ही में उन्होंने क्रिकेट के मैदान में वापसी की थी और मुश्ताक अली में केरल की तरफ से खेले थे। श्रीसंत का बेस प्राइस 75 लाख था लेकिन उन्हें शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों की सूची में जगह नहीं मिली थी।हालांकि उन्होंने कुछ समय पहले दावा करते हुए कहा था कि कुछ फ्रेंचाइजों ने उनसे बातचीत की है लेकिन उन्हें शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों में शामिल नहीं किया गया।
राजनीति की पिच पर श्रीसंत नहीं निकाल पाए थे विकेट
प्रतिबंध के दौरान श्रीसंत ने राजनीति की पिच पर भी गेंदबाजी करने की कोशिश की लेकिन वहां उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला, रन पड़े वो अलग।
साल 2016 में क्रिकेटर श्रीसंत ने केरल के तिरुवनंतपुरम से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वहां कांग्रेस के वीएस शिवकुमार ने 46 हज़ार से भी ज्यादा वोट हासिल करते हुए जीत दर्ज की, वहीं श्रीसंत को करीब 34000 वोटों से ही संतुष्ट होना पड़ा।
हार के बाद श्रीसंत ने ट्वीट करते हुए समर्थकों को प्यार और सम्मान देने के लिए शुक्रिया अदा किया था और कहा था कि वे लोगों की सेवा करते रहेंगे।
(वेबदुनिया डेस्क)