अब क्या श्रेयस अय्यर और बोर्ड के बीच भी चल रहा है विवाद? दिया यह बयान
जिस मैच में खेलने को कहा गया उसमें खेला, इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के बारे में नहीं सोच रहा: अय्यर
श्रेयस अय्यर ना तो अफगानिस्तान के खिलाफ टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिलने से परेशान हैं और ना ही दक्षिण अफ्रीका में लचर प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट श्रृंखला को लेकर ज्यादा चिंतित हैं।
अय्यर को अफगानिस्तान के खिलाफ चल रही टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया और मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि उनके बाहर होने का संबंध भारत के शीर्ष क्रम में दाएं हाथ के बल्लेबाजों की भरमार से है।
रणजी ट्रॉफी में आंध्र के खिलाफ मुंबई की जीत के बाद अय्यर ने कहा, देखिए, मैं वर्तमान के बारे में सोचता हूं। मैंने वह मैच पूरा कर लिया है जो मुझे खेलने के लिए कहा गया था (आंध्र के खिलाफ रणजी मैच)। मैं आया और मैं खेला इसलिए मैं जो कर रहा हूं उससे खुश हूं।
उन्होंने कहा, कुछ ऐसा जो मेरे नियंत्रण में नहीं है, मैं उस पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकता। मेरा ध्यान यहां आकर मैच जीतने पर था और आज हमने यही किया।
दक्षिण अफ्रीका में खराब प्रदर्शन के बाद चयनकर्ताओं ने अय्यर को मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने का निर्देश दिया क्योंकि वह टेस्ट टीम का हिस्सा हैं।
अय्यर ने 48 गेंद में 48 रन बनाये जबकि आंध्र के गेंदबाजों ने शॉर्ट गेंद के खिलाफ उनकी कमजोरी का फायदा उठाने की कोशिश की।टेस्ट श्रृंखला के बारे में पूछे जाने पर अय्यर ने कहा कि वह ज्यादा आगे के बारे में नहीं सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा, एक समय में एक मैच पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला के बारे में नहीं सोचा जाए। टीम केवल पहले दो मैच के लिए है। लक्ष्य शुरुआती दो मैच में अच्छा प्रदर्शन करना होगा और फिर बाकी मैचों के लिए तत्पर रहना होगा।
आंध्र की दो पारियों में 145 से अधिक ओवर तक क्षेत्ररक्षण के दौरान अय्यर सबसे अधिक संतुष्ट अपने क्षेत्ररक्षण को लेकर थे।अय्यर ने कहा कि वह मैच किसी भी स्थिति में हो, वह आक्रामक खेल दिखाएंगे जैसा आंध्र के खिलाफ पहले दिन बल्लेबाजी करते हुए किया था।
उन्होंने कहा, स्थिति चाहे जो भी हो मैं आक्रामक होकर खेलने जा रहा हूं। जब नकारात्मक गेंदबाजी होती है, जब आप शुरुआत में सुरक्षित और रक्षात्मक गेंदबाजी करते हैं, तो आप रन बनाना चाहते हैं और आपको अपनी टीम को एक निश्चित बिंदु तक ले जाना होता है।अय्यर ने कहा, यही मेरी मानसिकता थी। स्कोर की परवाह किए बिना मैं खुश था। (भाषा)