Women's Asia Cup IND vs SL :हर्षिता समरविक्रमा और कप्तान चमारी अटापट्टू की आक्रामक पारियों और दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 63 गेंद में 87 रन की साझेदारी के दम पर श्रीलंका ने महिला टी20 एशिया कप के फाइनल में रविवार को यहां भारत को आठ विकेट से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया।
गत चैमपियन भारत को छह विकेट पर 165 रन पर रोकने के बाद श्रीलंका ने 18.4 ओवर में दो विकेट पर 167 रन बनाकर यादगार जीत दर्ज की।
भारतीय टीम की इस हार में खराब गेंदबाजी के साथ बेहद लचर क्षेत्ररक्षण का भी हाथ रहा। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने समरविक्रमा का आसान कैच टपकाया जिन्होंने 51 गेंद की नाबाद पारी में छह चौके और दो छक्के की मदद से 69 रन बनाये।
चमारी ने 43 गेंद में नौ चौके और दो छक्के की मदद से 61 रन बनाकर भारतीय गेंदबाजों को हावी होने का मौका नहीं दिया।
कप्तान के आउट होने के बाद प्लेयर ऑफ मैच समरविक्रमा ने कविशा दिलहारी के साथ तीसरे विकेट के लिए 40 गेंद में 73 रन की साझेदारी कर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। विजयी छक्का लगाने वाली दिलहारी ने 16 गेंद की नाबाद पारी में 30 रन बनाये। दिलहारी ने इससे पहले गेंदबाजी में प्रभावित करते हुए 36 रन देकर दो विकेट चटकाये थे।
भारत के लिए सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने 47 गेंद की अपनी पारी 10 चौके की मदद से 60 रन की पारी खेल बड़े स्कोर की नींव रखी। उन्होंने पहले विकेट के लिए शेफाली वर्मा (16) के साथ 44 रन की साझेदारी कर टीम को सधी शुरुआत दिलाई जबकि जेमिमा रोड्रिग्स के साथ चौथे विकेट के लिए तेजी से 41 रन रन जोड़े।
जेमिमा ने 16 गेंद की आक्रामक पारी में तीन चौके और एक छक्का की मदद से 29 रन बनाये।
आखिरी ओवरों में रिचा घोष ने 14 गेंद में 30 रन की पारी खेल टीम के स्कोर को 165 तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी पारी में चार चौकों के साथ एक छक्का लगाया।
लक्ष्य का बचाव करते हुए भारत ने दूसरे ओवर विष्मी गुणारत्ने (01) को रन आउट कर पहली सफलता हासिल की। चमारी पर हालांकि इसका कोई असर नहीं पड़ा उन्होंने शुरू से ही आक्रामर रवैया अपनाये रखा। रेणुका और दीप्ति के ओवर में चौके जड़ने के बाद श्रीलंका की कप्तान ने छठे ओवर में तनुजा कंवर के खिलाफ दो छक्के और चौका लगाकर ओवर से 16 रन बटोरे। पावर प्ले के बाद श्रीलंका स्कोर एक विकेट पर 44 रन हो गया।
उन्हें दूसरे छोर से समरविक्रमा का अच्छा साथ मिला। जिन्होंने सातवें और आठवें ओवर में दीप्ति शर्मा (30 रन पर एक विकेट) और राधा यादव के खिलाफ चौके लगाये।
चमारी ने 10वें ओवर में रेणुका के खिलाफ चौका जड़ 33 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
उन्होंने 12 ओवर में दीप्ति के खिलाफ दो चौके जड़ भारतीय खेमे की निराशा को बढ़ाया लेकिन भारत की इस अनुभवी हरफनमौला ने श्रीलंकाई कप्तान को बोल्ड कर वापसी करने का मौका दिया।
श्रीलंका के बल्लेबाज इस मैच में सकारात्मक रवैये के साथ उतरे थे और उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण भारतीय क्षेत्ररक्षक दबाव में गलती करते रहे।
समरविक्रमा ने पूजा वस्त्राकर के खिलाफ लगातार गेंदों पर चौका और छक्का लगाया तो वही दिलहारी ने राधा की गेंद पर छक्का लगाकर भारत पर दबाव बनाये रखा।
श्रीलंका को आखिरी पांच ओवर में 43 रन की जरूरत थी और दीप्ति की गेंद पर हरमनप्रीत ने समरविक्रमा का आसान कैच टपका दिया। उन्होंने इसके बाद 43 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया।
समरविक्रमा ने पचासा पूरा करने के बाद राधा की शुरुआती दो गेंदों पर छक्का और चौका लगाकर श्रीलंका की राह आसान कर दी।
दिलहारी ने 19वें ओवर में छक्के के साथ टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करने के बाद स्मृति और शेफाली ने एक बार फिर से टीम को अच्छी शुरुआती दिलायी। शेफाली ने इनोशी प्रियदर्शनी और उदेशिका प्रबोधनी (27 रन पर एक विकेट) के खिलाफ शुरुआती दो ओवरों में चौके जड़े।
शानदार लय में चल रही मंधाना ने प्रियदर्शनी के खिलाफ दो चौके जड़े और पावरप्ले के आखिरी ओवर में प्रबोधनी के खिलाफ तीन चौके लगाये जिससे छह ओवर में भारत का स्कोर 44 रन हो गया।
अगले ओवर में दिलहारी (36 रन पर दो विकेट) शेफाली को पगबाधा कर भारत को पहला झटका दिया।
भारतीय टीम के रनों का अर्धशतक आठवें ओवर में पूरा हुआ लेकिन अगले ओवर में युवा बल्लेबाज उमा छेत्री (09) कप्तान चमारी अट्टापट्टू (28 रन पर एक विकेट) की पहली गेंद पर पगबाधा हो गयी।
स्मृति ने इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ संभल कर पारी को आगे बढ़ाई। इस दौरान स्मृति ने चमारी और सचिनी निसांसला (20 रन पर एक विकेट) के खिलाफ चौके लगाकर दबाव को कम किया।
इसी ओवर में हरमनप्रीत गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाने के बाद कवर क्षेत्र में कैच देकर पवेलियन लौट गयी। उन्होंने 11 रन का योगदान दिया।
स्मृति ने 13वें ओवर की पहली गेंद पर एक रन के साथ 36 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया।
जेमिमा रोड्रिग्ज ने क्रीज पर आते ही आक्रामक तेवर दिखाते हुए प्रियदर्शिनी के खिलाफ तीन चौके जड़ने के बाद चमारी की गेंद को दर्शकों के पास भेज भारतीय पारी का पहला छक्का लगाया।
उनकी आक्रामक पारी का अंत 17 ओवर में रन आउट से हुआ। इसी ओवर में मंधाना भी बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में अट्टापट्टू को कैच दे बैठी।
ऋचा घोष ने 19 ओवर में लगातार गेंदों पर दिलहारी के खिलाफ लगातार गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया। वह आखिरी ओवर में प्रबोधनी के खिलाफ चौका लगाने के बाद स्टंप हो गयी। (भाषा)