नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ ने कहा कि है कि इस वर्ष बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान बेंगलुरु टेस्ट में विराट कोहली ने उन्हें लेकर डीआरएस के संदर्भ में जो विवाद खड़ा किया था वह पूरी तरह बकवास और बेबुनियाद था। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि भारतीय कप्तान विराट ने बेंगलुरु टेस्ट के दौरान उनके पगबाधा होने पर डीआरएस को लेकर जो दावा किया था वह पूरी तरह गलत था।
उल्लेखनीय है कि सीरीज के दौरान दूसरे बेंगलुरु टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया जब 188 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी तब स्मिथ और पीटर हैंड्सकोंब क्रीज पर थे। स्मिथ को इस दौरान जब पगबाधा आउट करार दिया गया तो उन्होंने ड्रेसिंग रूम की ओर डीआरएस लेने के निर्णय के संदर्भ में इशारा किया था।
यह देखने पर भारतीय कप्तान विराट और अन्य खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया था जिसके बाद स्मिथ को ऑन फील्ड अंपायर नाइजल लोंग ने जाने के लिए कह दिया था। भारत ने यह मैच 75 रनों से जीता था। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड एक समय तो आमने-सामने आ गए थे।
स्मिथ ने क्रिकइंफो से कहा कि मुझे बाद में यह बात समझ आई कि विराट ने जिस बात को इतना तूल दिया वह आखिरकार इतनी बड़ी बन गई है। विराट ने दावा किया कि मैंने पहले भी दो बार ऐसा किया है। मैं जानता हूं कि ऐसा हमने कभी भी पहले नहीं किया। हमने कभी भी डीआरएस को लेकर ड्रेसिंग रूम से मदद नहीं मांगी है जबकि विराट ने कहा कि वे इसकी शिकायत पहले भी कर चुके हैं जबकि यह गलत है और हमारी पहले इस बारे में कभी बात ही नहीं हुई।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने मैच में रवीन्द्र जडेजा और मैथ्यू वेड के बीच हुई बहस को लेकर भी निराशा जताई। उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर पक्षपात होने का भी आरोप लगाया। स्मिथ ने कहा कि यह बहस दिखाती है कि कैसे बीसीसीआई एक पक्ष की बात सुनता है।
उन्होंने अपनी किताब में लिखा कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जब भारतीय टीम और उसके खिलाड़ियों ने हमसे बहस की है। जब मैट रेनशॉ डायरिया के बाद मैदान पर लौटे थे तब भी भारतीय खिलाड़ियों ने हमारा लगातार मजाक बनाया। इयान गोल्ड ने तो मैथ्यू और जडेजा को इस बहस को खत्म करने के लिए भी कहा कि था लेकिन इससे किसी का फायदा नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को पहले पुणे मैच में हराकर 1-0 की बढ़त बनाई थी लेकिन भारत ने यह सीरीज 2-1 से जीती। (वार्ता)