भारत के महान बल्लेबाजों में से एक सुनील गावस्कर के लिए आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि उन्होंने 50 साल पहले आज ही के दिन वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। इस श्रृंखला में उन्होंने यादगार प्रदर्शन करते हुए 774 रन बनाए थे।
लिटिल मास्टर के नाम से लोकप्रिय सुनील गावस्कर की एक खासियत थी। उस दौर के खतरनाक गेंदबाजों के सामने भी वह बिना हेलमेट के बल्लेबाजी करने खड़े हो जाते थे।
वह दौर ही तेज गेंदबाजी का था। वेस्टइंडीज की ओर से मैल्कम मार्शल, ग्रिफीथ, एंडी रोबर्ट्स, इंग्लैंड की ओर से इयान बॉथम, न्यूजीलैंड की ओर से रिचर्ड हैडली, ऑस्ट्रेलिया की ओर से डेनिस लिली और पाकिस्तान की ओर से इमरान खान को खेलना कोई भी बल्लेबाज पसंद नहीं करता था।
ऐसी उच्च श्रेणी गेंदबाजी पर भी गावस्कर एक किताब में लिखे सलामी बल्लेबाज के तौर पर क्रिकेट खेलते थे। पहले गेंद की शाइन जाने का इंतजार करते थे और फिर मैदान के चारों ओर शॉट्स लगाते थे।
आधुनिक क्रिकेट में तो एक ओवर में सिर्फ एक बाउंसर ही डाल सकते हैं और सिर पर चोट लग जाए तो कनकशन सबस्टिट्यूट रहता है, ऐसे नियम तब नहीं थे। लेकिन गावस्कर ने अपने दौर में इन बाधाओं के बावजूद भी हैलमेट से दूरी बनाए रखते थे।
एक साक्षात्कार के दौरान जब उनसे पूछा गया कि आपको हेलमेट की जरूरत क्यों नहीं पड़ती तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें अपनी तकनीक पर बहुत भरोसा है। उनका यह भी मानना था कि हेलमेट पहनने से बल्लेबाज के रिफ्लेक्स अफेक्ट होते हैं। आधुनिक क्रिकेट में सुरक्षा की दृष्टि से यह बल्लेबाज पहन तो लेते हैं लेकिन यह उनके प्रदर्शन पर असर डालता है।
हालांकि एक मौका आया जब वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज मैल्कम मार्शल की गेंद उनके सिर पर लगी। इस वाक्ये के बाद गावस्कर ने हेलमेट पहनना शुरु कर दिया। अपने करियर के आखिरी तीन साल ही गावस्कर हेलमेट पहन कर बल्लेबाजी करते हुए दिखे।
सचिन भी नहीं तोड़ पाए गावस्कर का यह रिकॉर्ड
दिलचस्प बात यह है कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए, गावस्कर के 10 हजार टेस्ट रनों का रिकॉर्ड भी तोड़ा लेकिन एक सीरीज में सर्वाधिक 774 रनों का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर भी अपने करियर में नहीं तोड़ पाए।
गावस्कर की महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 5000 रन का आंकड़ा पार करने का उनका 42 साल पुराना रिकॉर्ड आज भी कायम है। वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ी रिकॉर्ड तोड़ने के करीब आए, लेकिन ये सभी कम पड़ गए।
73 साल के हुए लीजेंड सुनील गावस्कर
ओरिजिनल लिटिल मास्टर और महानतम सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर रविवार को 73 साल के हो गए। गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन का आंकड़ा पार करने वाले पहले बल्लेबाज थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने अंतिम टेस्ट मैच में पाकिस्तान के खिलाफ यह मील का पत्थर हासिल किया। अहमदाबाद में मार्च 1987 में इतिहास रचा गया था। गावस्कर ने लाल गेंद का खेल छोड़ने से पहले एक और टेस्ट मैच खेला।
भारत के दिग्गज सुनील गावस्कर 10 जुलाई को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। खेल की शोभा बढ़ाने वाले महानतम बल्लेबाजों में से एक गावस्कर ने अपने शानदार करियर के दौरान 125 टेस्ट और 108 एकदिवसीय मैच खेले। उन्होंने सभी प्रारूपों में टीम इंडिया का नेतृत्व किया और 1985 में क्रिकेट की विश्व चैम्पियनशिप में खिताबी जीत के लिए मेन इन ब्लू की कप्तानी की थी ।
वह कपिल देव के नेतृत्व वाली 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य थे जिसने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराया था। गावस्कर ने संन्यास के बाद कमेंट्री की और अब वह एक अनुभवी क्रिकेट कमेंटेटर हैं। उन्होंने आईपीएल से संबंधित कार्यों के लिए बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी काम किया।
गावस्कर ने अपने टेस्ट करियर का अंत 10122 रन के साथ किया। गावस्कर के नाम टीम इंडिया के लिए लगातार सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड भी है। वह एक के बाद एक 100 से अधिक टेस्ट खेलने वाले एकमात्र भारतीय हैं। 1971 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले गावस्कर ने अपनी स्ट्रीक 1975 में शुरू की थी।
यह सिलसिला उनके अंतिम टेस्ट मैच से ठीक एक महीने पहले समाप्त हुआ।उन्होंने उन 12 वर्षों के दौरान लगातार 106 टेस्ट खेले और टीम इंडिया के एक महत्वपूर्ण सदस्य बने रहे। गावस्कर ने इस दौरान टीम की कप्तानी भी की। उनके नेतृत्व में भारत ने 47 में से 9 टेस्ट जीते। भारत ने 8 मैच गंवाए जबकि 30 टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त हुए।
भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और एशियाई क्रिकेट परिषद ने गावस्कर को उनके जन्मदिन पर बधाई दी है।