स्टाइलिश बल्लेबाजी के लिए मशहूर सुरेश रैना ने अकेले अपने दम पर टीम इंडिया को अनगिनत मुकाबले जीताए, लेकिन इसके बावजूद भी उनको लेकर क्रिकेट के गलियारों के हमेशा से यह बात कही जाती है कि वह सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी के साथ अपनी दोस्ती के चलते टीम इंडिया में बने रहे। अब रैना ने इन तीखे बयानों पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है।
अपनी काबिलियत के चलते बनाई टीम में जगह
पिछले साल 15 अगस्त के मौके पर महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के कुछ ही मिनटों के बाद अपने रिटायरमेंट का ऐलान करने वाले सुरेश रैना ने अपनी किताब "बिलीव"; में धोनी चलते क्या उनको टीम इंडिया में मौका मिला इस बात का खंडन करते हुए लिखा, कहां जाता है कि मुझे धोनी की वजह से टीम इंडिया में मौके मिले, लेकिन मैं अपनी काबिलियत के कारण भारतीय टीम का हिस्सा बना।
उन्होंने आगे लिखा, हां, धोनी जानते थे कि मुझसे बेस्ट प्रदर्शन कैसे करवाया जा सकता है और मैंने उनपर भरोसा किया। बहुत दुख होता है जब लोग हमारी दोस्ती को मेरी टीम इंडिया में जगह पाने से जोड़ते हैं। मैंने हमेशा टीम इंडिया में अपनी जगह हासिल की, ठीक वैसे ही जैसे मैंने धोनी का भरोसा और सम्मान हासिल किया।
धोनी के साथ रहा पुराना दोस्ताना
यह बात किसी से नहीं छिपी है कि एमएस धोनी और सुरेश रैना कितने अच्छे दोस्त है। पिछले साल धोनी के संन्यास के तुरंत बाद रैना ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, तब से दोनों की दोस्ती की एक अलग ही मिसाल भी दी जाने लगी है। रैना ने भी धोनी की कप्तानी में ही बहुत अधिक क्रिकेट भी खेला।
धोनी के कार्यकाल में उन्होंने 17 टेस्ट मैचों में 768 रन, 153 एकदिवसीय मुकाबलों में 56.68 की शानदार औसत के साथ 4362 रन और 58 T20I मैचों में 27.16 की औसत के साथ 1098 रन बनाए। आईपीएल में भी दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने एक साथ मिलकर चेन्नई सुपर किंग्स को अपने दम दुनिया की सबसे ताकतवर टी20 टीम बनाया।
कुछ ऐसा रहा रैना का करियर
34 वर्षीय सुरेश रैना ने टीम इंडिया के लिए 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 T20I मैच खेले। इस दौरान उनके बल्ले से पांच दिन के फॉर्मेट में 26.48 की औसत के साथ 768 रन, 226 एकदिवसीय मैचों में 35.31 की औसत के साथ 5615 रन और 78 T20I मुकाबलों में लगभग 135 के स्ट्राइक रेट के साथ 1605 रन बनाए।
भारतीय टीम के लिए खेले 322 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने सात शतक और 48 अर्धशतक भी बनाए। बतौर गेंदबाज भी उनका टीम की जीत में बेहतर योगदान देखने को मिला और वह तीनों फॉर्मेट में मिलाकर 62 विकेट लेने में सफल रहे। जानकारी के लिए बता दें कि, सुरेश रैना भारत के लिए T20I में शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी भी है।