भारत के 9वें एशिया कप खिताब की 19 बड़ी बातें, सूर्या और सलमान के बराबर रन
अभिषेक, कुलदीप ने बिखेरी चमक, सूर्यकुमार, हार्दिक उम्मीदों पर नहीं उतरे खरे
भारत और पाकिस्तान के बीच तल्ख रिश्तों के कारण एशिया कप में मैदान से बाहर की चीजें काफी हावी रही लेकिन इस हंगामे के बीच प्रतिभा की चमक, नए सितारों का उदय और असफलता के आंसू देखने को मिले।भारत पूरे टूर्नामेंट के अपने सात मैचों के दौरान अजेय रहा। टीम को हालांकि श्रीलंका ने सुपर चार के महत्वहीन मैच में कड़ी टक्कर दी और पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मुकाबले का फैसला भी टूर्नामेंट के आखिरी ओवर में हुआ।
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ खेले गए तीनों मैचों को छोड़कर अपने बाकी सभी मैच जीते।गत चैंपियन श्रीलंका को सुपर चार चरण में पाकिस्तान और बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा।टूर्नामेंट से पहले अफगानिस्तान से काफी उम्मीदें थे लेकिन टीम सुपर चार चरण में पहुंचने में विफल रही।
PTI (भाषा) ने इस रोमांचक और भावनात्मक रूप से उतार-चढ़ाव से भरे टूर्नामेंट की समाप्ति पर आंकड़ों का विश्लेषण किया है:
* भारत का यह नौवां एशिया कप खिताब (वनडे और टी20 प्रारूपों को मिलाकर) है। यह टी20 अंतरराष्ट्रीय में लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की लगातार नौवीं जीत भी है।
* अभिषेक शर्मा ने टी20 प्रारूप के रैंकिंग में शीर्ष स्थान को सही साबित करते हुए सात मैचों में 314 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने तीन अर्धशतक जड़े और उनका सर्वोच्च स्कोर 75 का रहा। बायें हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने 44.85 की औसत और 200 के स्ट्राइक रेट से रन बनाकर भारत को ज्यादातर मैचों में ताबड़तोड़ शुरुआत दिलाई।
* भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टूर्नामेंट में संघर्ष किया और सात मैचों में केवल 72 रन बनाए, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 47 रन रहा। उप-कप्तान शुभमन गिल के प्रदर्शन में भी निरंतरता की कमी रही। उन्होंने सात मैचों में 47 के सर्वोच्च स्कोर के साथ 127 रन बनाए।
* तिलक वर्मा टूर्नामेंट के बड़े सितारों में से एक बनकर उभरे। उन्होंने सात मैचों में 213 रन बनाए, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में मैच जीतने वाली 69 रन की नाबाद पारी शामिल थी। यह टूर्नामेंट में उनका उच्चतम स्कोर भी था।
* हरफनमौला हार्दिक पांड्या के लिए भी यह टूर्नामेंट साधारण रहा। वह चोट के कारण फाइनल नहीं खेल सके। उन्होंने छह मैचों में 48 रन बनाए और चार विकेट लिए (120 रन देकर), उनका इकोनॉमी रेट 8.57 रहा।
* सुपर चार मैच में भारत के खिलाफ अपनी बंदूक दिखाने जैसे जश्न के लिए आलोचना का सामना करने वाले सलामी बल्लेबाज साहिबजादा फरहान ने सात मैचों में 58 के सर्वोच्च स्कोर के साथ 217 रन बनाये। वह पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
* फखर जमां ने भी पाकिस्तान के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने सात मैचों में 181 रन बनाए, जिसमें उच्चतम स्कोर 50 रहा।
* टूर्नामेंट का एकमात्र शतक श्रीलंका के पथुम निसंका के बल्ले से आया। उन्होंने भारत के खिलाफ सुपर चार मैच में 107 रन की पारी खेली लेकिन यह टीम को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं था। भारत ने सुपर ओवर में जीत दर्ज की।
* श्रीलंका के ज्यादातर बल्लेबाजों ने इस टूर्नामेंट में संघर्ष किया। टीम के लिए कुसल परेरा छह मैचों में 146 रन के साथ सर्वोच्च स्कोरर रहे।
* पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा के टूर्नामेंट में कुल रन उनके भारतीय समकक्ष सूर्यकुमार के बराबर 72 रन ही थे। स्पिनरों की मददगार परिस्थितियों में बढ़िया ऑफ स्पिनर होने के बावजूद उन्होंने इस टूर्नामेंट में सिर्फ दो ओवर गेंदबाजी की और एक विकेट हासिल किया।
* सुपर चार की चौथी टीम बांग्लादेश के लिए सैफ हसन सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे। उन्होंने चार मैचों में 178 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर 69 रहा।
* भारत के कुलदीप यादव 7 मैचों में 17 विकेट लेकर अन्य गेंदबाजों से मीलों आगे रहे। यह आंकड़ा टूर्नामेंट के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी (सात मैचों में 10 विकेट) से सात विकेट अधिक है। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन सात रन पर चार विकेट रहा और इस दौरान उन्होंने महज 6.27 के इकॉनमी रेट से रन दिये।
* कुलदीप के एशिया कप में विकेटों की कुल संख्या (वनडे और टी20 प्रारूपों को मिलाकर) 36 तक पहुंच गई, जिससे उन्होंने श्रीलंका के पूर्व तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा के पिछले रिकॉर्ड (33 विकेट) को पीछे छोड़ दिया।
* भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने पांच मैचों में 135 रन देकर सात विकेट लिए और 7.43 की इकोनॉमी के साथ अच्छा काम किया।
* यूएई के जुनैद सिद्दीकी ने ग्रुप चरण के तीन मैचों में नौ विकेट लेकर चौंकाने वाला प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 18 रन देकर चार विकेट झटके लेकिन यह टीम को जीत दिलाने के लिए नाकाफी था।
* अफगानिस्तान के स्टार खिलाड़ी राशिद खान तीन मैचों सिर्फ तीन विकेट ले सके। उनकी टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गयी।
* बांग्लादेश के कप्तान लिट्टन दास सिर्फ 2 मैचों के लिए बाहर हुए और दोनों मैच हारकर टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई।