सूर्यकुमार यादव को टी20 कप्तान नियुक्त हुए लगभग 14 महीने हो गए हैं और Asia Cup निश्चित रूप से उनके लिए सबसे बड़ा टूर्नामेंट था, हालाँकि उनका अपना बल्ला इस दौरान खामोश रहा। निराशा का भाव बना रहता है, लेकिन जब वे "भारत, एशिया कप, 2025 चैंपियन" देखते हैं, तो वह गायब हो जाता है।
सूर्यकुमार ने उस समय भी अपना संयम बनाए रखा जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने उन पर पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से हाथ मिलाने से इनकार और फाइनल से पहले पारंपरिक फोटोशूट में शामिल नहीं होकर क्रिकेट के मैदान पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया।
जब भारतीय मीडिया मैनेजर ने उस पत्रकार को रोकना चाहा तो सूर्यकुमार ने मुस्कुराते हुए कहा , आप नाराज हो रहे हैं, है ना। इतने नाराज क्यो हैं। आपने एक सवाल में चार सवाल पूछ लिये।
एक अन्य पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा कि क्या उन्हें पता है कि BCCI ने ACC को ईमेल भेजा कि टीम नकवी से ट्रॉफी नहीं लेगी।
सूर्यकुमार ने कहा , मुझे नहीं पता कि आप किस ईमेल की बात कर रहे हैं। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। हमने मैदान पर यह फैसला लिया और किसी ने हमसे ऐसा करने के लिये नहीं कहा था।उन्होंने कहा , और हम इंतजार कर रहे हैं। आप टूर्नामेंट जीतते हैं तो ट्रॉफी के हकदार तो हैं। आप ही बताइये। इस पर पाकिस्तानी पत्रकार ने हामी में सिर हिलाया।
भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। भारत ने टूर्नामेंट में पाकिस्तान से तीन मैच खेले और तीनों जीते।एआई के माध्यम से सूर्य और तिलक द्वारा एशिया कप थामने की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है और जब कप्तान से पूछा गया कि ट्रॉफी के बिना जश्न कैसा रहा, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया।
उन्होंने कहा , आपने ट्रॉफी नहीं देखी। मैं इसे लाया। टीम पोडियम पर बैठी थी। अभिषेक और शुभमन ने ट्रॉफी के साथ फोटो भी पोस्ट की है जो बहुत अच्छी लग रही है।
एक पत्रकार ने उनसे उस घटनाक्रम के बारे में पूछा जब टीम ने पाकिस्तान के गृहमंत्री से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया।सूर्यकुमार ने कहा , रिंकू सिंह ने चौका लगाया। भारत ने एशिया कप जीता। इसके बाद हम बाहर आये और जश्न मना रहे थे। हर खिलाड़ी की उपलब्धि की तारीफ कर रहे थे । तिलक , कुलदीप और भाई (अभिषेक) को कार मिली। हमने उसका भी जश्न मनाया। और आपको क्या चाहिये। यही घटनाक्रम था जो हम हासिल करना चाहते थे।
उन्होंने कहा , हमने चैम्पियंस का बोर्ड आते और जाते देखा। यह होता रहता है। यह जिंदगी का हिस्सा है।(भाषा)