हाल ही में भारतीय टीम ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए कड़े प्रतिबंधों के साथ वहां जाने के लिए तैयार नहीं है।
दरअसल लगातार क्वारंटीन में रह चुकी टीम इंडिया पृथकवास से उकता चुकी है। टीम मैनेजमेंट का यह भी कहना है कि स्टेडियम में तो आप 25 फीसदी दर्शकों को मैच देखने की अनुमति देते हो और भारतीय खिलाड़ियों को कमरे में बंद रख रहे हो , यह क्या सही बात है।
टीम इंडिया के एक सूत्र ने जानकारी दी है कि कि टीम करीब एक महीने तक जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल में रही। लेकिन अब टीम दौरे के अंत में क्वारेंटीन नहीं रहना चाहती है।
गौरतलब है कि तीसरे टेस्ट से पहले भारतीय टीम को बड़ी राहत मिली है और आज ही उसके सभी खिलाड़ियों और स्टाफ के कोरोना टेस्ट नेगेटिव आए हैं। इसके बाद खींचतान और बढ़ गई है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि सिडनी और ब्रिसबेन में होटल के कमरों से बाहर निकलने की भी इजाजत नहीं मिलेगी । इस पर भारतीय टीम ने कहा है कि जब दर्शकों को मैच देखने की इजाजत है तो खिलाड़ी क्यों बंद कमरे में रहने पर मजबूर रहें।
भारतीय टीम का यह भी कहना है उसके साथ चिड़ियाघर में बंद पिंजरों में रखे जानवरों जैसा सलूक हो रहा है। सिर्फ चार दिवारी के भीतर घमूना उन्हें रास नहीं आ रहा है। अब टीम की हिम्मत जवाब दे रही है।
हालांकि प्रशासन ने तो दो टूक लहजे में यह कह दिया है कि ब्रिसबेन में प्रवेश तभी मिलेगा जब नियमों का पालन होगा , चाहे वह भारतीय टीम हो या फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम। ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया आमने सामने हो गए हैं।
वहीं हालिया रेस्टोरेंट विवाद वालेे मामले में भी टीम इंडिया ने सफाई पेश की है। खिलाड़ियों ने कहा है कि वह बारिश से बचने के लिए रेस्टोरेंट के अंदर गए थे। (वेबदुनिया डेस्क)