जमैका। वेस्टइंडीज के खिलाफ शुक्रवार से यहां होने वाले दूसरे और आखिरी टेस्ट में भारतीय टीम की नजरें सीरीज पर कब्जा कर आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 120 अंक हासिल करने पर रहेंगी।
भारतीय टीम ने पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज को 318 रनों के बड़े अंतर से पराजित कर टेस्ट चैंपियनशिप की विजयी शुरुआत की थी और अब दूसरे टेस्ट मुकाबले में विराट सेना की नजरें विजयी लय बरकरार रखते हुए सीरीज जीतने और टेस्ट चैंपियनशिप में 120 अंक हासिल करने पर टिकी होगी। अगर भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ यह मुकाबला जीत जाती है तो वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में पहली सीरीज जीतने वाली प्रथम टीम होगी।
भारतीय टीम ने भले ही पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया और बड़ी जीत हासिल की लेकिन उसके सलामी बल्लेबाज शुरुआती साझेदारी करने में नाकाम रहे थे। भारतीय सलामी जोड़ी लोकेश राहुल और मयंक अग्रवाल दोनों पारियों में बड़ा स्कोर नहीं बना पाए थे। हालांकि राहुल ने शुरुआत अच्छी की लेकिन उसे अंजाम तक पहुंचाने से पहले ही अपना विकेट गंवा दिया।
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दूसरे मुकाबले में राहुल और मयंक के ऊपर भारत को मजबूत शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी होगी जिससे टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर ज्यादा दबाव नहीं बन पाए। तीसरे नंबर के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा भी पहले मुकाबले की दोनों पारियों में पूरी तरह विफल रहे थे और उन्होंने पहली तथा दूसरी पारी में क्रमश: 2 और 25 रन बनाए थे।
सलामी बल्लेबाजों के बाद पुजारा को क्रीज पर टिक कर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और अपनी फॉर्म में लौटना होगा। भारतीय टीम के लिए अच्छी बात है कि कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रहाणे अपनी फॉर्म में हैं और लगातार बड़ी पारी खेल टीम को संकट से बचा रहे हैं।
विराट पहली पारी में भले ही सस्ते पर आउट हो गए थे लेकिन उन्होंने दूसरी पारी में रहाणे के साथ मिलकर भारतीय पारी को संभाला और मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। वहीं रहाणे ने दोनों पारियों में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन कर लड़खड़ाती भारतीय पारी को न सिर्फ संभाला बल्कि मजबूत स्कोर तक ले जाने में अहम भूमिका अदा की थी।
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टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के पास भी इस मुकाबले में अपनी दावेदारी साबित करने का अच्छा मौका होगा। हालांकि उन्हें पहले टेस्ट में रिद्धिमान साहा के बदले टीम में शामिल किया गया था लेकिन वह बल्लेबाजी में फेल साबित हुए थे। पंत पहली पारी में 24 और दूसरी पारी में मात्र 7 रन ही बना पाए थे। दूसरे मुकाबले में एक बार फिर यह देखना दिलचस्प होगा कि विकेटकीपर के रुप में टीम में पंत और साहा में से किसे मौका दिया जाता है।
टीम के एक अन्य बल्लेबाज हनुमा विहारी ने भी पहले मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया था और रहाणे के साथ अच्छी साझेदारी की थी। भारतीय टीम के लिए मध्यक्रम में विहारी के रुप में एक शानदार बल्लेबाज उपलब्ध है जो विपरीत परिस्थितियों में पारी को संभालने का माद्दा रखता है। ऐसे में भारतीय टीम का बल्लेबाजी क्रम संतुलित नजर आता है।
भारतीय टीम के गेंदबाज अपनी फॉर्म है। पहले टेस्ट में कप्तान विराट 3 तेज गेंदबाजों के साथ उतरे थे और गेंदबाजों ने उन्हें निराश नहीं किया था। पहली पारी में जहां इशांत शर्मा वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर कहर बरपा रहे थे तो वहीं दूसरी पारी में जसप्रीत बुमराह ने महज 7 पर 5 विकेट लेकर मेजबान टीम की पारी को ध्वस्त कर दिया था।
टीम के तीनों तेज गेंदबाज बुमराह, इशांत और मोहम्मद शमी ने मिलकर कुल 18 विकेट चटकाए थे। दूसरी पारी में तो वेस्टइंडीज के सभी 10 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए थे। ऐसे में वेस्टइंडीज की टीम को भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण से बचना होगा। स्पिन गेंदबाजी में रवींद्र जडेजा गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही जगह बखूबी प्रदर्शन कर रहे हैं।
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वेस्टइंडीज के लिए सकारात्मक बात है कि उसकी गेंदबाजी बल्लेबाजी के मुकाबले बेहतर है और उसके गेंदबाजों ने भारतीय टीम को पहली पारी में ध्वस्त कर इसका परिचय दिया था। वेस्टइंडीज के पास केमार रोच, शेनन गेब्रियल और जैसन होल्डर के रुप में बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण है जो भारतीय टीम के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है।
वेस्टइंडीज की नजरें भी इस मुकाबले को जीतकर विश्व टेस्ट क्रिकेट चैंपियनशिप में अपना खाता खोलने पर लगी होगी। अगर वेस्टइंडीज यह मुकाबला जीतने में सफल होती है तो वो ना सिर्फ सीरीज 1-1 से बराबर कर लेगी बल्कि 17 वर्षों बाद भारत के खिलाफ पहला टेस्ट मैच जीतकर टेस्ट जीत का सूखा खत्म कर लेगी।
अगर वेस्टइंडीज को भारत के खिलाफ मुकाबला जीतना है तो उसके बल्लेबाजों को सधी हुई बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजी का बेहतर तरीके से सामना करना होगा। भारत और वेस्टइंडीज के बीच इस मुकाबले में भले ही भारतीय टीम का पलड़ा भारी है लेकिन मेजबान टीम अपने गेंदबाजों के सहारे मैच का रुख पलट सकती है। ऐसे में भारतीय टीम के बल्लेबाजों पर अपनी टीम को संभालने की जिम्मेदारी होगी।