मुंबई:रणजी ट्रॉफी का लीग चरण 16 फरवरी से 5 मार्च तक बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) द्वारा तैयार संशोधित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया जाएगा।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण बीसीसीआई को इस शीर्ष घरेलू प्रतियोगिता को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पहले के कार्यक्रम के मुताबिक इसे 13 जनवरी से खेला जाना था।
टूर्नामेंट में 38 टीम भाग लेंगी और इसके मैच सभवत: अहमदाबाद, कोलकाता, त्रिवेंद्रम, कटक, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद और राजकोट में खेले जायेंगे।इसके प्रारूप में हालांकि बदलाव किया गया है और इसमें चार टीम के आठ ग्रुप होंगे, जिसमें प्लेट समूह में छह टीम होंगी।
मार्च 2020 में रणजी ट्रॉफी फाइनल के बाद से भारत में लाल गेंद प्रारूप से राष्ट्रीय स्तर का कोई भी घरेलू मुकाबला नहीं खेला गया है।
पिछले सत्र में रणजी ट्रॉफी रद्द होने के कारण मुआवजा पाने वाले घरेलू क्रिकेटरों ने उस समय प्रसन्नता व्यक्त की थी जब बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बीते दिनों घोषणा की थी कि इस टूर्नामेंट का आयोजन दो चरणों में होगा।
इसके नॉकआउट चरण के मैच जून में खेले जायेंगे।
कोरोना के कारण 13 जनवरी से शुरू नहीं हुई रणजी ट्रॉफी
भारत का शीर्ष घरेलू प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी देश में बढते कोरोना मामलों के कारण 13 जनवरी से शुरू नहीं हो पाया था और यह टूर्नामेंट स्थगित हो गया था।
बंगाल टीम में कोरोना संक्रमण के छह मामले आये थे जिनमें पांच खिलाड़ी थे। इसके अलावा मुंबई के शिवम दुबे भी पॉजिटिव पाये गए थे जिन्होंने कड़ा पृथकवास गुजाारा था। रणजी ट्रॉफी का आयोजन छह शहरों में होना था जिसमें बेंगलुरू और कोलकाता शामिल है।
दो चरण में टूर्नामेंट आयोजित करना चुनौतीपूर्ण है लेकिन वित्तीय अस्थिरता का सामना कर रहे और भारतीय क्रिकेट की ओर ले जाती सीढ़ी पर ऊपर चढ़ने के लिये मंच नहीं मिलने से परेशान क्रिकेटरों के लिये लाल गेंद का क्रिकेट काफी मायने रखता है।
हर टीम को खेलने हैं 5 मैच
टूर्नामेंट के प्रारूप के अनुसार प्रत्येक टीम को पांच लीग मैच खेलने होंगे। ये एक महीने में पूरे हो सकते हैं, जिसमें प्रत्येक मैच के बाद तीन दिन का आराम भी हो।क्वार्टरफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल जून में कराये जा सकते हैं, हालांकि साल के इस समय मानसून सत्र शुरू हो जाता है।