कोलंबो। श्रीलंका के दिग्गज सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान ने कहा है कि वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी मौजूदा सीमित ओवरों की सीरीज के बाद वनडे और टी-20 क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
दिलशान ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद अपने 17 साल के करियर को अलविदा कहेंगे। दिलशान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वे रविवार को दांबुला में अपना आखिरी एकदिवसीय मैच तथा 9 सितंबर को कोलंबो में अपना आखिरी ट्वंटी-20 मैच खेलेंगे। उन्होंने 2013 में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
14 अक्टूबर 1976 को जन्मे दिलशान ने वर्ष 1999 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। दिलशान ने 87 टेस्ट, 329 वनडे और 78 ट्वंटी-20 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने क्रमश: 5,492, 10,248 और 1,884 रन बनाए हैं। वे श्रीलंका के चौथे और विश्व के 11वें बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे में 10,000 से अधिक रन बनाए हैं। इसके अलावा वे श्रीलंका के दूसरे क्रिकेटर हैं जिन्होंने ट्वंटी-20 में शतक लगाया है।
39 वर्षीय दिलशान पिछले कुछ वर्षों से शानदार फॉ र्म में चल रहे हैं। उन्होंने साल 2014 में 25 वनडे में 41.25 के औसत से 990 रन बनाए थे। इसके अलावा गत वर्ष ही उनके बल्ले से 25 मैचों में 1,207 रन निकले जिनमें उनका औसत 52.47 रहा। इस दौरान उन्होंने 4 शतक भी ठोके। इसमें विश्व कप के दौरान मेलबोर्न में बांग्लादेश के खिलाफ उनका सर्वाधिक नाबाद 161 रन भी शामिल हैं।
टीम के सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में शुमार दिलशान निजी कारणों से इस वर्ष इंग्लैंड दौरे पर नहीं गए थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी सीरीज के पहले 2 मैचों में उन्होंने क्रमश: 22 और 10 रन बनाए जिसके बाद उन्होंने संन्यास लेने का मन बना लिया।
श्रीलंकाई क्रिकेट कप्तान एंजेलो मैथ्यूज और चयनकर्ताओं की ख्वाहिश थी कि 2019 विश्व कप में वे युवा श्रीलंकाई टीम तैयार करें और इसीलिए दिलशान को संन्यास लेने के लिए मनाया जा रहा था। उन्होंने 4 बार एक वर्ष में 1,000 या इससे अधिक रन बनाए हैं।
वे मई 2010 से जनवरी 2012 तक टीम के सभी प्रारूपों में कप्तान थे। उनकी कप्तानी में श्रीलंका ने दक्षिण अफ्रीका को हराया था। दिलशान एक अच्छे ऑलराउंडर के रूप में भी जाने जाते हैं। ऑफ स्पिनर दिलशान ने वनडे क्रिकेट में 106 विकेट भी झटके हैं।
दिलशान हमेशा अपने नए तरीके के स्ट्रोक्स ईजाद करने के लिए जाने जाएंगे। दिलशान का 'दिलस्कूप' उनका बेहद खास शॉट है जिसमें वे फ्रंटफुट पर आकर बल्ले का फेस अपनी तरफ घुमाकर गेंद को विकेटकीपर के ऊपर से उछाल देते हैं। (वार्ता)