Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सबसे बड़े विलेन नहीं रह गए ट्रेवर चैपल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के

हमें फॉलो करें सबसे बड़े विलेन नहीं रह गए ट्रेवर चैपल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के
, मंगलवार, 27 मार्च 2018 (23:21 IST)
सिडनी। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में अंडर आर्म गेंद डालने के लिए कुख्यात ट्रेवर चैपल अब स्टीवन स्मिथ के बॉल टेम्परिंग में फंसने के बाद राहत महसूस कर रहे हैं कि उन पर लगा काला दाग दूसरे के नाम पर खिसक गया है। ट्रेवर चैपल पिछले 37 वर्षों से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का सबसे कुख्यात अध्याय अपने नाम के साथ जोड़कर घूम रहे थे लेकिन ट्रेवर ने स्वीकार किया है कि उन्हें ख़ुशी है कि अब वह ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के इतिहास के सबसे बड़े विलेन नहीं रह गए गए हैं।


ट्रेवर ने कहा, मैं वह व्यक्ति था जिसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के इतिहास के सबसे काले दिन का सूत्रधार माना जाता था लेकिन मेरे लिए यह बड़ी राहत की बात है कि मेरे नाम से अब यह टाइटल हट जाएगा। 1981 के वर्ल्ड सीरीज कप के तीसरे वनडे फाइनल में एक बाल बाकी थी और न्यूजीलैंड को टाई करने के लिए छह रन की जरूरत थी।

ट्रेवर को उनके भाई और ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान ग्रेग चैपल ने आखिरी गेंद को अंडर आर्म फेंकने के लिए कहा। ट्रेवर ने गेंद को पिच पर लुढ़का दिया जिसे पुछल्ले बल्लेबाज ब्रायन मैकेनी सीमा रेखा के पार नहीं भेज सके। 65 वर्षीय ट्रेवर ने कहा, मुझे लगा कि उस समय अंडर आर्म गेंद फेंकना बढ़िया था लेकिन आज के दिनों में ऐसा नहीं हो सकता।

ट्रेवर ने कहा, मुझे इसके बाद काफी समय तक मानसिक रूप से जूझना पड़ा। वर्षों तक यह कलंक मेरे नाम के साथ जुड़ा रहा और लोग इसके बारे में पूछते रहते थे। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की छवि पर अंडर आर्म प्रकरण सबसे बड़ा काला धब्बा था और ट्रेवर को इसकी कीमत चुकानी पड़ी थी और उनकी शादी टूट गई थी।

ट्रेवर ने कहा, मैं नहीं जानता कि उस घटना के बाद मेरे भाइयों ने जीवन में मुझसे बेहतर किया या नहीं। ग्रेग उस घटना को झेल गए लेकिन मेरी जिंदगी उस घटना के बाद वीरान हो गई। मेरी शादी टूट गई और फिर मेरी शादी नहीं हो पाई और न ही मेरे बच्चे हुए। आजकल मैं बच्चों को क्रिकेट सिखाता हूं और गोल्फ खेलता हूं।

ट्रेवर ने टेम्परिंग प्रकरण पर कहा, कप्तान स्टीवन स्मिथ, उप कप्तान डेविड वॉर्नर और कैमरून बेनक्राफ्ट को अपनी पूरी जिंदगी इस कलंक को साथ लेकर जीना होगा। वे इस प्रकरण से अपनी शेष जन्दगी परेशान रहेंगे या नहीं यह उन पर है लेकिन मैं 37 साल तक इस बोझ से मुक्त नहीं हो पाया।

ट्रेवर ने कहा, जो मैंने किया वह मेरे साथ हमेशा बना रहा और स्मिथ तथा बेनक्राफ्ट के साथ भी ऐसा ही रहेगा। वे अपने शेष जीवन इस बोझ से जूझते रहेंगे और उनके साथ यह कलंक जुड़ा रहेगा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को यह दाग दिया। (वार्ता) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मोबाइल ऐप से फुटबॉल प्रतिभा ढूंढेगा एआईएफएफ