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अंडर-19 विश्व कप में टिकी रहेंगी पृथ्वी, सांघा और जादरान पर निगाहें

हमें फॉलो करें अंडर-19 विश्व कप में टिकी रहेंगी पृथ्वी, सांघा और जादरान पर निगाहें
, मंगलवार, 2 जनवरी 2018 (17:56 IST)
दुबई। भारतीय कप्तान पृथ्वी शॉ, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान जैसन सांघा और अफगानिस्तान के आफ स्पिनर मुजीब जादरान उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिनके प्रदर्शन पर आगामी आईसीसी अंडर-19 विश्व कप में सभी की निगाहें लगी रहेंगी।
 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को उन खिलाड़ियों की सूची जारी की है, जो न्यूजीलैंड में 13 जनवरी से तीन फरवरी तक होने वाले अंडर-19 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करके भविष्य के सितारों के रूप में उभर सकते हैं। इनमें भारतीय कप्तान पृथ्वी शॉ भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल में रणजी ट्रॉफी में भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया था।
 
आईसीसी ने पृथ्वी शॉ के बारे में लिखा है, तीन बार के चैंपियन भारत के पास कप्तान पृथ्वी शॉ के रूप में सबसे सदाबहार बल्लेबाज है। मुंबई में 2013 में अंतर स्कूल मैच में 546 रन बनाकर चर्चा में आने वाले इस 18 वर्षीय क्रिकेटर ने अब तक प्रथम श्रेणी मैचों में पांच शतक लगाए हैं। पृथ्वी ने पिछले साल जनवरी में प्रथम श्रेणी मैचों में पदार्पण किया था। उन्होंने अब तक नौ प्रथम श्रेणी मैचों में 56.52 की औसत से 961 रन बनाए हैं जिसमें पांच शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इनमें से तीन शतक उन्होंने वर्तमान रणजी सत्र में लगाए।
 
आईसीसी के अनुसार, आईसीसी अंडर-19 विश्व कप हमेशा किशोर क्रिकेटरों के लिए अपना कौशल दिखाने का बड़ा मंच मुहैया कराता है और उम्मीद है कि 2018 में भी ऐसा ही होगा। अफगानिस्तान की टीम में शामिल कप्तान नवीन उल हक और आफ स्पिनर मुजीब जादरान दोनों सीनियर टीम में खेल चुके हैं। जादरान ने आयरलैंड के खिलाफ वनडे में अपने पदार्पण मैच में 24 रन देकर चार विकेट लिए थे। उनके बेहतरीन प्रदर्शन से अफगानिस्तान ने अंडर-19 एशिया कप जीता।
 
जादरान ने नेपाल के खिलाफ सेमीफाइनल में 28 रन देकर छह और पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में 13 रन देकर पांच विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलिया की टीम में भारतीय मूल के जैसन सांघा और पूर्व कप्तान स्टीव वॉ के पुत्र आस्टिन वॉ हैं। सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे कम उम्र में प्रथम श्रेणी शतक जमाने वाले सांघा ऑस्ट्रेलियाई टीम की अगुवाई करने वाले भारतीय मूल के पहले क्रिकेटर हैं।
 
पूर्व चैंपियन इंग्लैंड के पास ऑलराउंडर विल जैक्स है जो अकेले दम पर मैच का पासा पलटने का माद्दा रखता है। दक्षिण अफ्रीकी दौरे में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। एक मैच में उन्होंने 41 रन देकर चार विकेट लेने के अलावा 71 रन की पारी खेली और अपनी टीम को श्रृंखला में 4-1 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। आयरलैंड की टीम में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जोशुआ लिटिल हैं। वे टी20 अंतरराष्ट्रीय में आयरलैंड की तरफ से खेल चुके हैं।
 
मेजबान न्यूजीलैंड के पास रचिन रवींद्र हैं जो सलामी बल्लेबाज होने के साथ बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते हैं। रवींद्र पिछली बार भी जूनियर विश्व कप में खेले थे। पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी पर भी सभी की निगाहें रहेंगी। उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण धमाकेदार रहा था। उन्होंने कायदे आजम ट्रॉफी में खान रिसर्च लैबोरेटरी की तरफ से रावलपिंडी के खिलाफ 39 रन देकर आठ विकेट लिए थे।
 
दक्षिण अफ्रीका को अगर 2014 का प्रदर्शन दोहराकर खिताब जीतना है तो फिर आक्रामक बल्लेबाज मैथ्यू ब्रीत्जके को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। वह अंडर-19 स्तर पर अब तक तीन शतक जड़ चुके हैं। लिस्ट ए में उनका उच्चतम स्कोर 94 है। दक्षिण अफ्रीकी टीम में पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एनटीनी के बेटे थांडो एनटीनी भी हैं। रवींद्र की तरह कामिंदु मेंडिस ने भी पिछले अंडर-19 विश्व कप में हिस्सा लिया था। उनके ऑलराउंड प्रदर्शन से श्रीलंका सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा। वह स्पिनर होने के साथ-साथ शीर्ष क्रम के बल्लेबाज भी हैं।
 
वेस्टइंडीज के पास क्रिस्टन कालीचरण हैं, जिन्हें 2014 में अंडर-14 स्कूल मैच में नाबाद 404 रन बनाने के बाद अगला ब्रायन लारा कहा जाने लगा था। मध्यक्रम का यह बल्लेबाज अभी उप कप्तान भी है। बांग्लादेश के पिनाक घोष एक अन्य क्रिकेटर हैं जो दूसरी बार अंडर-19 विश्व कप में भाग ले रहे हैं। वे पिछली बार सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली बांग्लादेश की टीम का हिस्सा थे। इनके अलावा कनाडा के रोमेल शहजाद, कीनिया के अमन गांधी, नामीबिया के जान निकोल लोफ्टी ईटन, पापुआ न्यू गिनी के लेके मोरिया और जिम्बाब्वे के लियाम रोचे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके प्रदर्शन पर टूर्नामेंट के दौरान सभी की निगाहें लगी रहेंगी। (भाषा)

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