नई दिल्ली: पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर मार्क वॉ पर यह कहने पर कटाक्ष किया कि टीमें विकेट हासिल करने के लिए मांकडिंग का इस्तेमाल जानबूझकर कर रही हैं। प्रसाद ने कहा कि गेंदबाजी छोर पर गेंद फेंकने से पहले आगे निकलने वाले बल्लेबाज को वैध तरीके से आउट करना सबसे बदतर चीज है।
महिला अंडर-19 विश्व कप के दौरान गेंदबाजी छोर पर खड़ी रवांडा की बल्लेबाज को गेंद फेंकने से पहले काफी आगे निकलने पर पाकिस्तान की तेज गेंदबाज जैब-उन-निसा के रन आउट करने के वीडियो पर टिप्पणी करते हुए वॉ ने ट्वीट किया, सबसे बदतर चीज, ऐसा लगता है कि टीमें विकेट हासिल करने के लिए सोच-समझकर नियोजित तरीके से इसका इस्तेमाल कर रही हैं।
इस पर प्रसाद ने जवाब दिया, हां ठीक है, गेंदबाज का वैध तरीके से किसी खिलाड़ी को आउट करने की योजना बनाना सबसे बदतर चीज है। बल्लेबाज क्रीज पर नहीं रहकर अनुचित लाभ उठाना चाहता है, यह सबसे अच्छी बात है।
क्या कहता था नियम?
मारलिबोन क्रिकेट क्लब के सभी नियमों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माना जाता थाहै। इसके 41.16 निमय के अंदर मांकड़िग का नियम विस्तार से लिखा गया था। इसके अनुसार
(अगर बल्लेबाज नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर है और क्रीज छोड चुका है और गेंदबाज एक्शन ले चुका है तो वह गिल्लियां बिखेर कर उसे रन आउट कर सकता है। ऐसे में यह गेंद नहीं गिनी जाएगी। इस प्रयास में अगर गेंदबाज बल्लेबाज को रन आउट नहीं कर पाता है तो गेंद तुरंत डेड घोषित कर जाएगी।)
2017 में हुआ बदलाव
साल 2017 में इस नियम में एमसीसी ने एक और बदलाव किया। पहले बॉलिंग एक्शन शुरु करने के बाद ही गेंदबाज मांकडिंग कर सकता था लेकिन इस साल से गेंदबाजी एक्शन शुरु करने से पहले भी वह बल्लेबाज को रन आउट कर सकता है।
वीनू मांकड ने की थी सबसे पहले मांकड़िग
मांकडिंग शब्द भारतीय गेंदबाज वीनू मांकड के कारनामे के बाद मशहूर हुआ। 13 दिसंबर 1947 को खेले जा रहे एक मैच में उन्होंने बिल ब्राउन को ऐसे ही आउट कर दिया। इसके बाद मांकडिंग शब्द और इस तरीके से आउट करना प्रचलन में आया। हालांकि इस गैर पारंपरिक तरीके से रन आउट करने पर मांकड को काफी आलोचना झेलनी पड़ी। लेकिन सर डॉन ब्रैडमैन ने उनका पक्ष लिया।