नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा से राष्ट्रीय टीम से बाहर किये जाने के बाद बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ पर की गयी टिप्पणी के लिये स्पष्टीकरण मांग सकता है, क्योंकि उसे लगता है कि केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी होने के कारण उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है।केंद्रीय अनुबंध में ग्रुप बी में शामिल साहा के बारे में पता चला है कि उन्होंने नियम 6.3 का उल्लंघन किया है।
इस नियम के अनुसार, कोई भी खिलाड़ी खेल, अधिकारियों, खेल में हुई घटनाओं, प्रौद्योगिकी के उपयोग, चयन मामलों या खेल से संबंधित किसी भी अन्य मामले के बारे में किसी तरह के मीडिया में ऐसी टिप्पणी नहीं करेगा जो बीसीसीआई की राय में प्रतिकूल है या खेल, टीम या बीसीसीआई के हित में नहीं है।साहा ने अपने चयन को लेकर द्रविड़, चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा और गांगुली के साथ हुई निजी बातचीत का खुलासा किया था।
बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने पीटीआई से कहा, हां, ऐसी संभावना है कि बीसीसीआई ऋद्धिमान से पूछे कि केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर होने के बावजूद उन्होंने चयन मामलों पर क्यों बात की।
राहुल द्रविड़ और सौरव गांगली पर भड़के थे साहा
ऋद्धिमान ने शनिवार को मीडियाकर्मियों से कहा था, 'टीम प्रबंधन ने मुझसे कहा था कि अब मुझ पर विचार नहीं किया जाएगा। मैं यह तब तक नहीं बता सकता था जब तक मैं भारतीय टीम का हिस्सा था।' उन्होंने बताया कि यहां तक कि कोच राहुल द्रविड़ ने भी सुझाव दिया कि मैं संन्यास लेने के बारे में अब सोचूं। उन्होंने मुख्य कोच के साथ हुई अपनी गोपनीय बातचीत के बारे में जानकारी दी।
ऋद्धिमान ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली पर भी निशाना साधा था, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें टीम में अपनी जगह की चिंता नहीं करनी चाहिए। साहा ने कहा "जब मैंने पिछले नवंबर में कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में दर्द निवारक दवा लेते हुए नाबाद 61 रन बनाए तो दादी (जैसा कि सौरव को बंगाल के खिलाड़ी बुलाते हैं) ने मुझे व्हाट्सएप पर बधाई दी।"
साहा ने बताया कि उन्होंने यहां तक कहा था कि मुझे सिलेक्शन को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए जब तक कि वह बीसीसीआई के शीर्ष पर हैं। बोर्ड अध्यक्ष के इस तरह के संदेश ने वास्तव में मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया था, लेकिन मैं यह समझने में असफल रहा कि सब कुछ इतनी तेजी से क्यों बदल गया।
राहुल द्रविड़ नहीं थे साहा के बयान से आहत
द्रविड़ ने कहा था कि साहा से बात करने के पीछे उनका इरादा यह सुनिश्चित करना था कि उन्हें यह स्पष्ट तौर पर पता हो कि टीम में उनकी स्थिति क्या है और उन्हें इसका पछतावा नहीं है।
द्रविड़ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में भारत की 3-0 से जीत के बाद कहा था, मैं वास्तव में आहत नहीं हूं। मैं साहा तथा भारतीय क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों और योगदान का बहुत सम्मान करता हूं। मेरी बातचीत इसी संदर्भ में थी। मुझे लगता है कि वह सच्चाई और स्पष्टता के हकदार हैं। (भाषा)