जमैका। वेस्टइंडीज के तूफानी बल्लेबाज क्रिस गेल का फॉर्म लंबे समय से खराब चल रहा था। कई पूर्व क्रिकेटरों का मानना था कि वह इंडीज के लिए बोझ बन गए हैं। आईपीएल में भी फ्रेंचाइजी ने उनको खिलाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि विश्वकप से ठीक पहले इंग्लैंड के विरुद्ध खेली गई एकदिवसीय श्रंखला मेें वह दो अर्धशतक और दो शतक बनाकर फॉर्म में लौट आए हैं। संन्यास की घोषणा करने के बाद गेल ने इस श्रंखला के 4 मैचों में 134 की औसत से 424 रन बना डाले।
हालांकि यह सीरीज वेस्टइंडीज जीत नहीं पाया लेकिन अपने मुख्य बल्लेबाज को विश्वकप से पहले फॉर्म में देखकर पूरी टीम खुश है। क्रिस गेल के लिए यह आखिरी विश्वकप भी है, वह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि इस विश्वकप के बाद वह वनडे क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
वेस्टइंडीज की टीम की बल्लेबाजी काफी कमजोर रही है ऐसे में क्रिस गेल का पुराने विस्फोटक अंदाज में वापस लौटने से टीम में नयी जान आ गई है। अगला विश्वकप इंग्लैंड में होना है जहां क्रिस गेल काउंटी क्रिकेट खेल चुके हैं। वह चाहेंगे कि पिछली सीरीज जैसा प्रदर्शन वह टीम के लिए विश्वकप में भी दें।
कैरिबियाई दर्शकों के सामने 27 गेंद में खेली गई 77 रनों की आतिशी पारी खेल कर क्रिस गेल ने कहा कि यह उनके लिए बहुत भावुक क्षण और उपलब्धि है।
एक एजेंसी को दिए गए इंटर्व्यू में उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि वह अपनी आखिरी घरेलू पारी जमैका में खेलते लेकिऩ वह वेस्टइंडीज के लिए करीब दो दशकों तक बल्लेबाजी कर पाए, यह बड़ी बात है।
क्रिस गेल ने कहा कि साल 2002-03 में भारत के खिलाफ खेली गई 7 वनडे की श्रंखला उनकी पसंदीदा है। उस सीरीज में क्रिस गेल ने 3 शतक जडे थे। उस समय क्रिस गेल 23 वर्ष के थे और अब 39 वर्ष के हो चुके हैं।