बेंगलुरु। अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप पर नजरें टिकाए बैठे कप्तान विराट कोहली ने कहा कि वह भारतीय खिलाड़ियों को 'निर्भीक इकाई' में ढालने के लिए जोखिम उठाने को तैयार हैं। यहां के मैदान को लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों के अनुकूल माना जाता है। इसके बावजूद भारतीय कप्तान का पहले बल्लेबाजी करने का फैसला हैरानीभरा था और टीम को इसका नुकसान भी हुआ लेकिन कोहली ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ संयोजन ढूंढने के लिए उन्हें जोखिम उठाने होंगे।
कोहली ने रविवार को एकतरफा मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम की 9 विकेट की हार के बाद कहा, हमें जोखिम उठाने होंगे, जब आप क्रिकेट मैच जीतना चाहते हो तब भी आपको जोखिम उठाने होते हैं, जब तक आप खेलना शुरू नहीं कर दो, तब तक कुछ तय नहीं होता। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अगर हम अपने अनुकूल हालात से और अधिक बाहर निकलकर खेलने के इच्छुक होंगे तो फिर हम इससे घबराएंगे नहीं कि टॉस के दौरान क्या हुआ। हमारा सामान्य विचार यही है : हम प्रयास कर रहे हैं कि टॉस के दौरान क्या हुआ, उसे टीम के रूप में समीकरण से बाहर कर दें।
लंबा बल्लेबाजी क्रम कोहली को प्रयोग करने का मौका देता है लेकिन इसके बावजूद भारत को तीसरे और अंतिम टी-20 में 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा और श्रृंखला 1-1 से ड्रॉ रही। भारतीय कप्तान ने कहा, यही कारण है कि हम जो सर्वश्रेष्ठ संयोजन खिला सकते थे उसे खिलाने का प्रयास किया क्योंकि हमारी बल्लेबाजी नौवें नंबर तक है। इसलिए आप पहले बल्लेबाजी करो या पहले गेंदबाजी करो, आपको पता होगा कि हम अच्छी स्थिति में होंगे।
उन्होंने कहा, मानसिक तौर पर अगर हम खुद को ऐसी स्थिति में ढालेंगे जिसमें हम कोई एक चीज करने की जगह कुछ भी करने को तैयार रहेंगे तो फिर हम किसी भी तरह की स्थिति का सामना करते हुए उसका फायदा उठाने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे। कोहली ने कहा, जब तक आप ऐसा नहीं करते, जब तक आप जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं रहते, तब तक आपको किसी न किसी तरह के दबाव का सामना करना होगा।
उन्होंने कहा, हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि विश्व कप से पहले हम इन सभी चीजों का हल निकाल लें। इस मैदान पर पिछले 6 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में किसी टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला नहीं किया, लेकिन कोहली चाहते हैं कि उनकी टीम लक्ष्य का बचाव करते हुए भी मजबूत टीम बने। कोहली ने स्वीकार किया कि इस पिच पर 134 का स्कोर अच्छा नहीं था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने गेंदबाजों की आलोचना नहीं की।
भारतीय कप्तान ने कहा, गेंदबाज अगर अपने अनुकूल हालात से बाहर आते हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें बचाव करने के लिए कम से कम 160 रन मिलने चाहिए। आप 130 रन का बचाव नहीं कर सकते, हमने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और ओस के बीच इस तरह के स्कोर के साथ आप टी-20 मैच में गेंदबाजों के प्रति अधिक कठोर नहीं हो सकते। टॉस, पुरस्कार वितरण समारोह और मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोहली ने कहा कि वे नहीं चाहते कि उनकी टीम हमेशा अपने अनुकूल हालात के अनुसार खेले।
उन्होंने कहा, लेकिन हमने महसूस कर लिया कि इस पिच पर हम लगातार शाट नहीं खेल सकते। इसलिए मुझे लगता है कि 63 रन पर एक विकेट गंवाने के बाद हमें स्थिति का पुन: आकलन करना चाहिए था और 200 की जगह 170 रन के बारे में सोचना चाहिए था। भारतीय कप्तान ने साथ ही स्वीकार किया कि दक्षिण अफ्रीका ने अपनी रणनीति को बेहतर तरीके से लागू किया।
टी-20 श्रृंखला के बाद सभी की नजरें अब 3 टेस्ट की श्रृंखला पर होंगी और कोहली ने अच्छे प्रदर्शन का भरोसा जताया। उन्होंने कहा, हमारी टेस्ट टीम विश्व क्रिकेट की किसी भी अन्य टीम की तरह मजबूत है, विशेषकर अपने घरेलू हालात में हम सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक हैं। हमें पता है कि हमें क्या करने की जरूरत है।