मुंबई:विराट कोहली-राहुल द्रविड़ युग की शुरुआत न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में जीत के साथ हुई और कप्तान ने सोमवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज करने के बाद कहा कि टीम नये सहयोगी सदस्य भी उसी सोच और उद्देश्य का अनुसरण कर रहे हैं जैसा की पिछली व्यवस्था में किया जा रहा था।
पूर्व महान खिलाड़ी द्रविड़ ने मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री की जगह ली है, जबकि पारस म्हाम्ब्रे और टी दिलीप क्रमशः भरत अरुण और आर श्रीधर के स्थान पर नए गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच बने है।
न्यूजीलैंड को दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन 372 रन के बड़े अंतर से हराने के बाद कोहली ने कहा, नये प्रबंधन के साथ भी हमारी मानसिकता वही है कि भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाना है। भारतीय क्रिकेट के मानकों को बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह हमेशा बढ़ता रहे।
कोहली और शास्त्री ने एक सफल कप्तान-कोच संयोजन बनाया था जिसने विदेशों में कई टेस्ट श्रृंखलाओं में जीत दर्ज की थी। कोहली ने कहा कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में मिली सफलता ने टीम के विदेश में खेलने के अनुभव और आत्मविश्वास को बढ़ाया है और भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के आगामी दौरे पर पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतने के इरादे से उतरेगी।
रहाणे की फॉर्म को मैं नहीं परख सकता, वही जानता है कि किस दौर से गुजर रहा है : कोहली
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को यहां कहा कि अजिंक्य रहाणे की फॉर्म का वह या कोई भी अन्य आकलन नहीं कर सकता है और उन्हें अपनी स्पष्ट स्थिति का पता करने के लिये टीम के समर्थन की जरूरत है।
भारत की न्यूजीलैंड पर श्रृंखला में 1-0 से जीत के बाद भारतीय कप्तान को कुछ मुश्किल सवालों से जूझना पड़ा जिनमें से कुछ उनकी स्वयं की खराब फॉर्म से जुड़े हुए थे जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसे एक ही तरह से आउट होने के तरीके से नहीं जोड़ा जा सकता है।
कोहली से जब रहाणे की खराब फॉर्म के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं उनकी (रहाणे) की फॉर्म का आकलन नहीं कर सकता। कोई भी ऐसा नहीं कर सकता है। केवल एक खिलाड़ी ही जानता है कि वह किस दौर से गुजर रहा है।
कोहली ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि पिछले अच्छे रिकार्ड को देखते हुए रहाणे टीम में सुरक्षित महसूस करें।
उन्होंने कहा, इस दौर में हमें उनका समर्थन करने की जरूरत है विशेषकर तब जबकि उन्होंने अतीत में अच्छा प्रदर्शन किया है। हमारे यहां ऐसा माहौल नहीं है जहां खिलाड़ी यह सोचे कि अब क्या होगा। एक टीम के तौर पर हम ऐसी चीजों को प्रश्रय नहीं देते।
भारतीय कप्तान ने कहा, हम खिलाड़ी जानते हैं कि टीम में क्या हो रहा है। बाहर बहुत कुछ होता रहता है और हम नहीं चाहते कि उससे हमारे खेल पर प्रभाव पड़े। हम अंजिक्य हो या कोई और टीम में हर किसी का समर्थन करते हैं। बाहर क्या हो रहा है हम उस आधार पर फैसले नहीं करते।
2 साल से कोहली के बल्ले से नहीं आया है टेस्ट शतक
कोहली ने अपना आखिरी शतक 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में लगाया था लेकिन पिछले दो वर्षों में वह आउट होने के अपने तरीके को लेकर किसी तरह से परेशान नहीं हुए।
उन्होंने कहा, हम प्रक्रिया पर कायम रहते हैं लेकिन अगर आउट होने का तरीका एक जैसा हो तो फिर उसमें सुधार की जरूरत पड़ती है। कभी कभी ये चीजें स्वाभाविक तौर पर हो जाती हैं और कभी नहीं होती है।
कोहली ने कहा कि गलती की पुनरावृत्ति होने पर ही उसमें सुधार की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा, आपको आगे बढ़ने पर ध्यान देना होगा और जिन गलतियों की पुनरावृत्ति हो रही हो उन्हें दूर करना होगा। आपको यह विश्वास होना चाहिए कि आप इस दौर से बाहर निकल सकते हो। यह जंग है, विश्वास है।
भारत ने 1992 से अब तक दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट जीते हैं लेकिन टीम अभी तक वहां एक भी श्रृंखला नहीं जीत पायी है। पिछले दौरे (2017-18) में उन्हें 1-2 से हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय कप्तान ने कहा, दक्षिण अफ्रीका में हमें अच्छी चुनौती मिलेगी। हमने पिछली बार वही से विदेशी दौरे पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया था। इस का नतीजा ऑस्ट्रेलिया में मिला था। अब हमें विश्वास है कि हम कहीं भी जीत सकते हैं।
कोहली ने कहा, यह एक कठिन चुनौती है, जिसे हम सफलता हासिल करना चाहते हैं, हर कोई प्रेरित है। उम्मीद है कि हम दक्षिण अफ्रीका में उस तरह से खेल सकेंगे जिसके लिए हमें जाना जाता है। हम श्रृंखला जीत सकते हैं।(भाषा)