राजकोट। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को अचानक मराठी भाषा में बात करने की कोशिश करके सबको चौंका दिया। भारत और विंडीज के बीच गुरुवार से यहां पर पहला टेस्ट मैच शुरू होने जा रहा है। पृथ्वी शॉ के इस पदार्पण टेस्ट से पहले विराट कोहली ने उनसे उनकी मातृभाषा मराठी में बात करने का प्रयास करके उन्हें सहज करने की कोशिश की।
विंडीज के खिलाफ श्रृंखला के पहले टेस्ट में 18 साल के पृथ्वी को मयंक अग्रवाल पर तरजीह दी गई है। पृथ्वी को इससे पहले इंग्लैंड दौरे के अंतिम दो टेस्ट के लिए भी भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। पृथ्वी ने कहा, मुझे लगता है कि मैदान के बाहर वह काफी मजाकिया व्यक्ति हैं। मैदान पर हम सभी को पता है कि वह कितने कड़े हैं। मैंने उनसे बात की और उन्होंने कुछ चुटकुले सुनाए।
उन्होंने मराठी में बात करने की कोशिश की, जो काफी मजाकिया थी। घरेलू सर्किट में पृथ्वी ने रणजी और दुलीप ट्रॉफी में पदार्पण मैचों में शतक जमाए। पृथ्वी की अगुआई में भारतीय अंडर-19 टीम ने विश्व कप भी जीता। उन्होंने कहा, मैं काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं, थोड़ा नर्वस हूं लेकिन जब मैं ड्रेसिंग रूम में आया तो विराट भाई और रवि सर ने कहा कि यहां कोई सीनियर और जूनियर नहीं है। यह सुनकर मुझे काफी अच्छा लगा।
पृथ्वी ने कहा, मैं काफी सहज था और सभी ड्रेसिंग रूम में मुझे देखकर खुश थे। हमने अपना पहला अभ्यास सत्र खत्म किया, जो काफी अच्छा रहा। मैंने अपने पहले दिन का पूरा लुत्फ उठाया। इस बल्लेबाज ने कहा, विराट कोहली ने मेरी मदद की और मुझे सहज महसूस कराया। नेट्स पर जाते हुए मेरी कोई योजना नहीं थी।
मैं नेट्स पर बल्लेबाजी करते हुए आउट नहीं होना चाहता था। मैंने संजय बांगड़ के साथ थ्रोडाउन सत्र में हिस्सा लिया। अभ्यास में सब कुछ काफी अच्छा रहा। उन्होंने कहा, रवि सर ने मुझे खेल का लुत्फ उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि उस तरह खेलो, जैसे रणजी ट्रॉफी में खेलते हो और इतने वर्षों से जिस तरह तुम खेल रहे हो। टेस्ट मैच में पदार्पण करना शानदार अहसास है।