टीम को अंडर 19 विश्वकप जिताने के बाद विराट कोहली को जल्द ही वनडे टीम में शामिल कर लिया गया ताकि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सशक्त बनाया जा सके। उनको पहला मौका 18 अगस्त 2008 में मिला।
यह मैच उन्होंने श्रीलंका के विरुद्ध खेला। हालांकि इस मैच में वह एक नए नवेले बल्लेबाज की तरह संघर्ष करते हुए नजर आए जो कि लाजमी भी था। चामिंडा वास की गेंदे खेलने में उनको खासी तकलीफ हुई।
कुल 33 मिनट वह क्रीज पर रहे और उन्होंने 22 गेंदो का सामना किया। लेकिन सिर्फ 9 रन बनाकर वह दाएं हाथ के तेज गेंदबाज नुवान कुलसेकरा की गेंद पर अपना विकेट गंवा कर चले गए।
विराट कोहली ने इस पारी में भले ही ज्यादा प्रभावित ना किया हो लेकिन चयनकर्ताओं ने उनको लगातार मौके दिए क्योंकि विराट कोहली की प्रतिभा पर किसी को भी शक नहीं था। अगले साल ही उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ इडन गार्डन के मैदान पर अपना पहला वनडे शतक लगाया।
दो पारियों के बाद विराट बने चेस मास्टर
भारत श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया की कॉमनवेल्थ सीरीज के दौरान बाद में बल्लेबाजी करते वक्त उनका बल्ला श्रीलंका के खिलाफ गरजा। श्रीलंका के लसिथ मलिंगा की गेंदो पर लगातार उन्होंने प्रहार किए और श्रृंखला में बने रहने के लिए भारत को यह मैच 35 ओवर में जीतना था जो विराट के बल्ले से ही मुमकिन हो पाया।
इसके बाद लंबे समय तक उनका बल्ला चुप रहा, कुछ खास प्रदर्शन ना होने के बावजूद उनको वनडे विश्वकप 2011 में शामिल किया गया। अपने पहले ही विश्वकप के मैच में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ शतक जड़ दिया। हालांकि इसके बाद उनका बल्ला शांत ही रहा। फाइनल में जरूर उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की लेकिन तिलकरत्ने दिलशान ने उनका हैरतअंगेज कैच पकड़ कर उनकी पारी समाप्त कर दी।
वनडे क्रिकेट में विराट कोहली का उदय अगले साल हुआ जब एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ 330 रनों का लक्ष्य भारत के सामने था। भारत गंभीर का विकेट पहले ही ओवर में गंवा चुका था लेकिन विराट ने पाक पर जवाबी हमला बोला और सभी गेंदबाजो पर चौके छक्के जड़े। मैच के बाद तत्कालीन कप्तान मिस्बाह उल हक ने कहा कि ऐसी पारी उन्होंने किसी बल्लेबाज के द्वारा नहीं देखी।183 रन जड़ने के लिए विराट को इस वनडे में मैन ऑफ द मैच चुना गया।
साल 2008 जैसा जा रहा है साल 2021
अपने पहले क्रिकेट के साल में विराट कोहली एक भी शतक लगाने में नाकाम रहे थे। इस साल भी उनका यह साल उनके अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के पहले साल जैसा जा रहा है। उनके 71वें शतक का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं लेकिन उनका इंतजार लंबा होता जा रहा है। पिछले साल भी विराट कोहली एक भी शतक लगाने में नाकाम रहे थे।
भारतीय कप्तान ने अब तक कुल 254 वनडे मैच खेले हैं 59 की औसत से 12,169 रन बनाए है। 43 वनडे शतकों के साथ अब वह सिर्फ सचिन तेंदुलकर से ही पीछे हैं।(वेबदुनिया डेस्क)