मुंबई:भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें कभी टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने पर पुनर्विचार करने को नहीं कहा जैसा कि बोर्ड ने दावा किया है और आगामी दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम चयन से 90 मिनट पहले उन्हें एकदिवसीय टीम की कप्तानी से हटाया गया।
दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय कप्तान ने सभी कड़े सवालों का जवाब दिया और कहा कि वह सीमित ओवरों की टीम के नए कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के विजन का पूरा समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह समझ सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के सीमित ओवरों के टूर्नामेंटों में ट्रॉफी नहीं जीत पाने के कारण उन्हें हटाया गया।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के इस बयान के संदर्भ में कि बोर्ड ने उनसे आग्रह किया था कि वह कप्तानी नहीं छोड़ें क्योंकि सीमित ओवरों के प्रारूपों में दो कप्तान होना शायद सही नहीं होगा, कोहली ने कहा, जो फैसला किया गया उसे लेकर जो भी संवाद हुआ, उसके बारे में जो भी कहा गया वह गलत है।
उन्होंने कहा, आठ दिसंबर को टेस्ट श्रृंखला के लिए चयन बैठक से डेढ़ घंटा पहले मेरे साथ संपर्क किया गया और इससे पहले टी20 कप्तानी को लेकर मेरे फैसले की घोषणा के बाद से मेरे साथ कोई संपर्क नहीं किया गया था।
कोहली ने कहा, मुख्य चयनकर्ता ने टेस्ट टीम पर चर्चा की जिस पर हम दोनों सहमत थे। बात खत्म करने से पहले मुझे बताया गया कि पांच चयनकर्ताओं ने फैसला किया है कि मैं एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कप्तान नहीं रहूंगा जिस पर मैंने कहा ठीक है, कोई बात नहीं।उन्होंने कहा, इसके बाद टीम चयन के दौरान हमने इसके बारे में संक्षिप्त में बात की और यही हुआ।
अगले सवाल पर हालांकि कोहली और बीसीसीआई पदाधिकारियों के बीच के मतभेद सामने आ गए।लेकिन आपने कहा था कि आप सिर्फ 2023 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप तक कप्तान बने रहना चाहते हो? इस पर कोहली ने हंसते हुए पूछा, क्या यह सवाल था?
इस पर संवाददाता ने दोबारा पूछा, हां, यह सवाल है क्योंकि आपने कहा था कि आप भारत की एकदिवसीय टीम का कप्तान बने रहना चाहते हैं।
कोहली ने कहा, जब मैंने टी20 कप्तानी छोड़ी तो मैंने पहले बीसीसीआई से संपर्क किया और उन्हें अपने फैसले के बारे में बताया और उनके (पदाधिकारियों) सामने अपना नजरिया रखा।
गांगुली ने कहा था कि कोहली को टी-20 कप्तानी ना छोड़ने के लिए कहा था
भारतीय कप्तान ने गांगुली के कुछ दिन पहले के बयान से बिलकुल विपरीत जानकारी देते हुए कहा, मैंने कारण बताए कि आखिर क्यों मैं टी20 कप्तानी छोड़ना चाहता हूं और मेरे नजरिए को अच्छी तरह समझा गया। कुछ गलत नहीं था, कोई हिचक नहीं थी और एक बार भी नहीं कहा गया कि आपको टी20 कप्तानी नहीं छोड़नी चाहिए।
कोहली ने कहा कि बीसीसीआई के पदाधिकारियों ने उनके फैसले को प्रगतिशील बताया।उन्होंने कहा, इसके विपरीत बीसीसीआई ने इसे प्रगतिशील और सही दिशा में उठाया गया कदम करार दिया था। उस समय मैंने कहा था कि हां, टेस्ट और एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय में मैं (कप्तान) बरकरार रहना चाहता हूं जब तक कि पदाधिकारियों और चयनकर्ताओं को लगता है कि मुझे इस जिम्मेदारी को निभाते रहना चाहिए।
कोहली ने कहा, बीसीसीआई के साथ मेरा संवाद स्पष्ट था। मैंने विकल्प दिया था कि अगर पदाधिकारियों और चयनकर्ताओं की सोच कुछ और है तो यह (फैसला) उनके हाथ में है।
टी-20 की कप्तानी छोड़ने के बाद ही बोर्ड ने कोहली से छीनी वनडे की कप्तानी
गांगुली ने कहा था कि कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने पर पुनर्विचार नहीं करने के कारण चयनकर्ताओं को सीमित ओवरों के प्रारूप में रोहित को एकमात्र कप्तान बनाना पड़ा क्योंकि दो प्रारूपों में दो अलग कप्तान होने से नेतृत्वक्षमता का टकराव हो सकता था।
बीसीसीआई अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली ने पीटीआई से कहा था, हमने विराट से आग्रह किया था कि वह टी20 कप्तानी नहीं छोड़े लेकिन वह कप्तान के रूप में बरकरार नहीं रहना चाहता था। इसलिए चयनकर्ताओं ने महसूस किया कि सीमित ओवरों के दो प्रारूप में दो कप्तान नहीं हो सकते। इससे नेतृत्वक्षमता का टकराव हो सकता है।
रोहित को खराब फॉर्म से जूझ रहे अजिंक्य रहाणे की जगह भारतीय टेस्ट टीम का उप कप्तान भी बनाया गया था।(भाषा)