भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने कहा कि टेनिस खिलाड़ी हर सप्ताह जिस तरह की दबाव का का सामना करते हैं, उसकी तुलना क्रिकेट में केवल विश्व कप के नॉकआउट और भारत बनाम पाकिस्तान के मैच से की जा सकती है। टी-20 अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट से संन्यास ले चुके कोहली ने सोमवार को अपनी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ विंबलडन का मैच देखने के बाद यह तुलना की। वह दिन के कार्यक्रम के दौरान टेनिस के दिग्गज विजय अमृतराज के साथ बातचीत कर रहे थे। कोहली पिछले कुछ समय से क्रिकेट से दूर रहने के दौरान लंदन में ही रहते हैं।
उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स पर प्रसारित साक्षात्कार में कहा, मुझे लगता दोनों खेलों में यह अनुभवी (दबाव की स्थितियों में) एक जैसा हो सकता है। हम इस तरह के दबाव (टेनिस खिलाड़ियों के जैसा) का सामना भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप मैच में या विश्व कप के सेमीफाइनल या फाइनल में महसूस करते है।
उन्होंने कहा, ये खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल से फाइनल तक बहुत अधिक दबाव का सामना करते है। मैं टेनिस खिलाड़ियों का बहुत सम्मान करता हूं, क्योंकि वे धैर्य के साथ खेलते हैं और अपनी फिटनेस और मानसिक मजबूती को बनाए रखते हैं।
क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक कोहली ने हाल ही में लाल गेंद के प्रारूप से संन्यास ले लिया है। उन्होंने 123 मैचों में 9230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक शामिल हैं। कोहली ने कहा कि मैच के लगातार बदलते स्वरूप के कारण क्रिकेटरों को मैदान पर अपनी-अपनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, अलग-अलग खेलों की अलग-अलग चुनौतियां होती हैं। क्रिकेट में एक चुनौती यह है कि आपको लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। आप सुबह वार्म-अप (अभ्यास) करते हैं और फिर वापस आकर ड्रेसिंग रूम में इंतजार करते हैं क्योंकि आपको नहीं पता होता कि आप कब बल्लेबाजी करने वाले हैं।
उन्होंने कहा, टेनिस में शायद परिस्थितियों का बेहतर आभास होता है। आपको पता होता है कि आप किस स्थिति में जा रहे हैं।
कोहली का मानना है कि क्रिकेट में टेनिस के मुकाबले वापसी का कम मौका मिलता है
उन्होंने कहा, क्रिकेट में मेरे कौशल (बल्लेबाजी) से जुड़ी एक और चुनौती यह है कि आपको सिर्फ एक मौका मिलता है। आपके पास वापसी करने के ज्यादा मौके नहीं होते हैं। आप एक गलती करते हैं और बाकी दिन आप बल्लेबाजी नहीं कर पायेंगे। लेकिन टेनिस में खिलाड़ी दो सेट गंवाने के बाद भी वापसी कर जीत सकते हैं।
इस 36 साल के खिलाड़ी ने उम्मीद जताई कि सर्बिया के दिग्गज नोवाक जोकोविच इस साल विम्बलडन चैंपियन बनने के साथ अपना रिकॉर्ड 25वां ग्रैंड स्लैम जीतेंगे।
उन्होंने कहा, मैं नोवाक (जोकोविच) के साथ कुछ समय से संपर्क में हूं। हमने कुछ संदेशों का आदान-प्रदान किया है।
कोहली ने कहा कि उनके लिए जोकोविच और स्पेन के कार्लोस अल्काराज ( दो बार के डिफेंडिंग चैंपियन) के बीच फाइनल मुकाबला किसी सपने की तरह होगा।
उन्होंने कहा, मैं फाइनल में कार्लोस (अल्काराज़) और नोवाक को देखना चाहता हूं और शायद नोवाक खिताब जीतें क्योंकि यह उनके करियर के इस पड़ाव पर उनके लिए बहुत बड़ा होगा, और सर्वकालिक महान खिलाड़ी होने और सबसे अधिक ग्रैंड स्लैम जीतने के हकदार हैं। (भाषा)