मुम्बई: अपने ट्वीट्स और कटाक्ष के लिए मशहूर पूर्व पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफ़र बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) की खेल विकास शाखा के साथ जुड़ सकते हैं। जहां वह अंडर-19 के खिलाड़ियों के साथ-साथ बांग्लादेश के उच्च प्रदर्शन केंद्र में भी काम करेंगे।
जाफ़र इससे पहले 2019 के कुछ महीनों तक मीरपुर में बीसीबी अकादमी के साथ बतौर बल्लेबाज़ी सलाहकार भी काम कर चुके हैं। उस दौरान उन्होंने अंडर-16 और अंडर-19 के युवा खिलाड़ियों के दो समूहों के साथ काम किया था। इसके अलावा वह उच्च प्रदर्शन कमेटी के साथ भी जुड़े हुए थे। वह 2018-19 में अबाहानी लिमिटेड के लिए ढाका प्रीमियर लीग में खेल चुके हैं।
हाल ही में 44 वर्षीय जाफ़र ने ओडिशा की सीनियर पुरुष टीम को भी बतौर मुख्य कोच अपनी सेवा दी थी।यह चल रहे 2021-22 भारतीय घरेलू सत्र के लिए था। जुलाई 2021 में उन्हें ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा दो साल का अनुबंध दिया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान वह राज्य में कोचों के विकास कार्यक्रम का भी हिस्सा रहे थे।
मार्च 2020 में एक खिलाड़ी के रूप में अपने संन्यास के बाद जाफ़र को उत्तराखंड का मुख्य कोच भी नामित किया गया था लेकिन बाद में एसोसिएशन के साथ मतभेद के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने आईपीएल में पंजाब किंग्स के साथ 2019 से 2021 तक बल्लेबाज़ी सलाहकार के रूप में भी काम किया।
ऐसा रहा है वसीम जाफर का करियर
भारतीय घरेलू सर्किट में जाफ़र दो दशकों से अधिक समय तक खेले और रणजी ट्रॉफ़ी इतिहास में सबसे अधिक (156) मैच खेलने वाले खिलाड़ी बने। उन्होंने सबसे अधिक रन (12,038), सबसे अधिक शतक (40), सबसे अधिक कैच (200) के साथ अपना घरेलू करियर समाप्त किया और वह दलीप ट्रॉफ़ी (2545) और ईरानी ट्रॉफ़ी/कप (1294) में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी थे।
वह एकमात्र बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने 2008-09 और 2018-19 में दो बार रणजी सत्र में 1000 से अधिक रन बनाए हैं। जाफर ने भारत के लिए 31 टेस्ट (34.10 के औसत से 44 रन, पांच शतकों के साथ) और दो वनडे भी खेले। वह सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के बाद भारतीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पांचवें सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं।