नई दिल्ली:कार दुर्घटना के बाद ऋषभ पंत के लिगामेंट टीयर के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है लेकिन अगर बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के सूत्रों की मानें तो वह आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की आगामी श्रृंखला में नहीं खेल पायेंगे।
पंत प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से लंबे समय तक बाहर हो सकते हैं और इस समय कोई भी तारीख बताना जल्दबाजी होगी। नयी चयन समिति के लिये बॉर्डर गावस्कर ट्राफी के लिये दो विकेटकीपर बल्लेबाजों का चयन सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक होगा।
भारतीय टेस्ट विकेटकीपर के स्थान के लिये अचानक दौड़ शुरू हो जायेगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि नौ फरवरी से नागपुर में शुरू होने वाली टेस्ट श्रृंखला में खेलने के लिये तीन खिलाड़ियों कोना भरत, भारत के दूसरे विकेटकीपर उपेंद्र यादव और सफेद गेंद के विशेषज्ञ ईशान किशन में से किसे चुना जाता है।
पंत शुक्रवार की सुबह दिल्ली से रूड़की जाते हुए अपनी मर्सीडिज कार पर नियंत्रण खो बैठे थे जिससे यह डिवाइडर से टकरा गयी। उनका मैक्स देहरादून में इलाज चल रहा है।
हालांकि एक्स-रे और सीटी स्कैन की रिपोर्ट में कोई फ्रेक्चर, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में कोई चोट नहीं आयी है। लेकिन उनके घुटने और टखने में कई लिगामेंट टीयर (लिगामेंट फटना) के कारण वह निश्चित रूप से काफी समय तक बाहर रहेंगे ओर यह समय दो से छह महीने के बीच हो सकता है जो लिगामेंट टीयर के ग्रेड पर निर्भर करता है।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, अभी काफी सूजन है जिससे टखने और घुटने का एमआरआई अभी किया जाना है। एक बार वह यात्रा के लिये फिट हो जायेगा तो वह मुंबई आयेगा जहां वह बोर्ड के पैनल में शामिल डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला की निगरानी में होगा।
नयी चयन समिति के पास तीन विकल्प होंगे। या तो भारत ए के दो विकेटकीपर भरत और उपेंद्र मुख्य टीम में शामिल होंगे या फिर बायें हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज किशन टीम में जगह बनायेंगे।
इसमें सबसे ज्यादा संभावना केएस भरत की ही लग रही है जो हाल ही में आईपीएल नीलामी में गुजरात टाइटंस के खाते में गए हैं। केएस भरत ने पिछले साल ही ऋद्धीमान साहा की जगह न्यूजीलैंड के खिलाफ विकेटों के पीछे बेहतरीन कीपिंग का मुजायरा किया था। हालांकि साहा की जगह भरत सब्सटीट्यूट थे इस कारण वह टेस्ट उनका पहला टेस्ट नहीं माना गया था। वह बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। अब शायद ही बोर्ड ऋद्धीमान साहा का रुख करे।
वहीं इशान किशन को शायद ही बोर्ड टेस्ट मैचों में मौका देना चाहेगा क्योंकि वह सफेद गेंद की क्रिकेट के विशेषज्ञ हैं। ऐसा लगता है कि तीनों में बाजी केएस भरत ही मारने वाले है।