मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट टीम को दुनिया की सबसे ताकतवर टीमों में से एक माना जाता है। खासतौर से अगर टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो पिछले तीन सालों में टीम इंडिया ने इस फॉर्मेट में सफलता के झंडे गाड़े हैं। हालांकि, इग्लैंड की सरजमीं पर अभी भी टीम बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रही है।
यह बात किसी भी क्रिकेट फैंस से छिपी नहीं है कि साल 2011 के बाद से इंग्लैंड की धरती पर भारतीय टीम ने टेस्ट फॉर्मेट कितना शर्मनाक प्रदर्शन किया है। 2011 से अभी तक भारत ने इंग्लैंड में कुल 14 टेस्ट खेले हैं और सिर्फ दो में ही जीत का स्वाद चखा है, जबकि 11 में हार नसीब हुई है।
2011 से अभी तक इंग्लैंड की सरजमीं पर टीम इंडिया का टेस्ट रिकॉर्ड :
साल |
मैच |
जीत |
हार |
ड्रॉ |
2011 |
4 |
- |
4 |
- |
2014 |
5 |
1 |
3 |
1 |
2018 |
5 |
1 |
4 |
- |
सचिन ने बताया खराब प्रदर्शन का कारण
आंकड़ें साफ दर्शाते हैं कि, अंग्रजों की धरती पर टीम इंडिया पिछले एक दशक में सिर्फ संघर्ष ही करती नजर आई है। हाल ही में जब सचिन तेंदुलकर से भारतीय टीम की 2011 से इंग्लैंड में चली आ रही नाकामी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने अपने जवाब में कहा,
''टेस्ट मैच जीतने के लिए 20 विकेट लेना जितना जरूरी होता है उतना ही जरूरी रन बनाना होता है। इंग्लैंड में पिछली कुछ सीरीज में हम पर्याप्त रन नहीं बना सके। ज्यादा बड़ी पार्टनरशिप न होने से हमारे रन कम बने। मुझे लगता है कि यह एक बड़ा कारण है कि हाल के समय में इंग्लैंड में हमारा प्रदर्शन खास अच्छा नहीं रहा।''
बात लाख टके की बात
सचिन के बयान पर नजर डाली जाए तो उन्होंने सही ही कहा है क्योंकि 2011, 2014 और 2018 तीनों दौरों पर न तो भारतीय टीम के बल्लेबाज कुछ कमाल दिखा सके और न ही गेंदबाज... हैरान करने वाली बात तो ये है कि इन सभी 14 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने कुल पांच बार किसी एक मुकाबले में इंग्लैंड के सभी 20 विकेट चटकाए हैं।
क्या इस बार बदल पाएंगे आंकड़े
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है और इस बार टीम इंडिया को खिताबी जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली अपार सफलता और टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के अनुभव से खिलाड़ी जरुर कॉन्फिडेंस के साथ मेजबान टीम का सामना करने मैदान पर उतरेंगे और क्या पता इस बार पिछली तीन सीरीज की नाकामी भी पूरी तरह से धूल जाए।