नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों को उसके बोर्ड ने बीसीसीआई के साथ पुरुष द्विपक्षीय श्रृंखला को लेकर चल रहे विवाद के कारण अगले महीने होने वाले महिलाओं के टी-20 चैलेंज में भाग लेने से रोक दिया। भारतीय बोर्ड का कहना है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया 'ब्लैकमेल' कर रहा था।
ऑस्ट्रेलिया की 3 खिलाड़ियों- मेग लैनिंग, एलिसी पैरी और एलिसा हीली को महिला आईपीएल में हिस्सा लेना था लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें रोक दिया। इस टूर्नामेंट के मैच 6 से 11 मई के बीच जयपुर में खेले जाएंगे। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की शीर्ष अधिकारी बेलिंडा क्लार्क (पूर्व कप्तान) के ई-मेल से जाहिर होता है कि इन तीनों को रोकना पुरुष एकदिवसीय श्रृंखला टालने के लिए दबाव की रणनीति है।
भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) के अनुसार ऑस्ट्रेलिया को जनवरी 2020 में 3 वनडे खेलने हैं जबकि इस दौरान ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट सत्र अपने चरम पर होता है।
क्लार्क ने आईपीएल संचालन दल को पत्र में लिखा है कि हम अनुरोध पर तभी विचार करने की स्थिति में रहेंगे जबकि जनवरी 2020 के आखिर में एफटीपी के अनुसार होने वाली पुरुष एकदिवसीय श्रृंखला के जुड़े वर्तमान मामले को राहुल (बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी) और केविन (सीए सीईओ केविन रॉबर्ट्स) सुलझा नहीं देते। मुझे लगता है कि अभी इस पर काम चल रहा है। बीसीसीआई ने महिला खिलाड़ियों को अनुमति देने के लिए शर्तें रखने पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की आलोचना की।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अगर आप बेलिंडा के पत्र की विषयवस्तु को देखो तो स्पष्ट है कि वे ब्लैकमेल की रणनीति अपना रहे हैं। महिला खिलाड़ियों को अनुमति देने को कैसे पुरुष श्रृंखला से जोड़ा जा सकता है? यह एफटीपी में स्वीकार किया गया है और अब वे उससे पीछे हट रहे हैं।
बीसीसीआई की आईपीएल संचालन टीम ने सीए को 3 खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति देने के लिए 4 अप्रैल को पत्र लिखा था और क्लार्क का ई-मेल उसके 1 दिन बाद 5 अप्रैल को आया। अधिकारी ने कहा कि 5 अप्रैल के बाद सीए की तरफ से कोई संवाद नहीं हुआ और ऐसे में हमारे पास टीम घोषित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। पुरुष क्रिकेट से जुड़े मसले को निबटाने के लिए महिला खिलाड़ियों को मोहरा बनाना गलत है। (भाषा)