कानपुर: गले में जकड़न के कारण भारतीय विकेटकीपर रिधिमान साहा न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के पांचवें दिन सोमवार को मैदान पर नहीं उतरे।साहा ने चौथे दिन 61 रन की पारी खेली थी जिसकी बदौलत पांच विकेट 51 रन पर गंवाने के बाद भारत ने वापसी की।
साहा नें (नाबाद 61, 126 गेंद, 4 चौके,1 छक्का) श्रेयस अय्यर के साथ सातवें विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। साहा ने अक्षर पटेल (नाबाद 28) के साथ आठवें विकेट के लिए 67 रन की अटूट साझेदारी भी की थी।
बीसीसीआई ने एक बयान में कहा , रिधिमान साहा के गले में जकड़न है। इससे विकेटकीपिंग में उसकी मूवमेंट पर असर पड़ रहा था । उनकी जगह पांचवें दिन केएस भरत विकेटकीपिंग करेंगे।साहा को ऋषभ पंत की जगह टीम में रखा गया था क्योंकि पंत को विश्राम दिया गया है।
जब पंत उपलब्ध नहीं तभी मुश्किल काम के लिये साहा की जरूरत होगी: राठौड़
बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने रविवार को कहा कि रिधिमान साहा आदर्श टीम खिलाड़ी हैं जिन पर हमेशा मुश्किल काम के लिये निर्भर किया जा सकता है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें भारत के नंबर एक विकेटकीपर ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में ही यह भूमिका निभानी होगी।
साहा (37 वर्ष) मौजूदा भारतीय टीम के सबसे ज्यादा उम्र के खिलाड़ी हैं जो 11 साल पहले अपने पदार्पण के बाद अपना 39वां मैच खेल रहे हैं।पदार्पण के बाद पहले पांच वर्ष महेंद्र सिंह धोनी के लिये स्थानापन्न बनने में चले गये और अब वह 24 वर्षीय पंत के बैक-अप हैं।रविवार को साहा ने गर्दन में जकड़न के साथ बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 61 रन की पारी खेली।
बल्लेबाजी कोच राठौड़ ने अनुभवी विकेटकीपर के बारे में पूछे गये सवालों पर कहा, उसकी गर्दन में जकड़न थी और यह जानते हुए कि वह एक आदर्श टीम खिलाड़ी है, वह वही करेगा जिसकी जरूरत है। उन्होंने कहा, वह टीम के लिये मुश्किल चीजें करेगा और उस समय टीम जिस स्थिति में थी, उसने बहुत ही महत्वपूर्ण पारी खेली।
उन्होंने कहा, हम हमेशा उससे इसकी ही उम्मीद करते हैं। वह हमेशा ऐसा खिलाड़ी रहा है जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं और आज उसने दिखा दिया कि ऐसा क्यों है। राठौड़ ने कहा, जहां तक उसका सवाल है तो दुर्भाग्य से हमारे पास बहुत ही विशेष खिलाड़ी ऋषभ है जो हमारे लिये नंबर एक विकेटकीपर है और उसने पिछले कुछ वर्षों में हमारे लिये शानदार प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा, उसकी भूमिका (दूसरे नंबर पर) यही है कि जब पंत उपलब्ध नहीं होगा, तभी हमें उसकी जरूरत होगी। (भाषा)