डब्ल्यूटीसी फाइनल के पहले दिन का खेल बारिश से धुलने के बाद आज साउथम्प्टन में दूसरे दिन भारत और न्यूजीलैंड के खिलाड़ी मैदान पर एक्शन में नजर आए। फाइनल के लिए सिक्का कीवी कप्तान केन विलियमसन के पाले में गिरा और उन्होंने मौसम के मिजाज को परखते हुए विराट एंड कंपनी को पहले बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया।
आसमान में बादल छाए हुए थे और इसको ध्यान में रखते हुए कीवी कप्तान चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरे। मगर शुरूआती समय में उनके विकेट चटकाने की रणनीति को रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने पूरी तरह से फेल कर दिया। दोनों सलामी बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 62 रन जोड़े।
ऐसा लगने लगा था कि भले ही टॉस न्यूजीलैंड ने जीता हो, लेकिन पहला सत्र तो भारत के नाम ही रहेगा लेकिन तभी न्यूजीलैंड ने मैच में वापसी की और टीम इंडिया ने एक के बाद एक अपने दोनों सेट सलामी बल्लेबाजों के विकेट गंवा दिए। रोहित शर्मा (34) और गिल (28) के स्कोर पर आउट होकर पवेलियन लौटे और पहला सत्र दोनों टीमों के लिए बराबरी पर समाप्त हुआ।
दूसरे सत्र में टीम को चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट कोहली से एक बड़ी साझेदारी की उम्मीद थी। दोनों खिलाड़ी धीरे-धीरे अपनी नजरें जमा ही रहे थे कि तभी पुजारा 54 गेंदों तक संघर्ष करने के बाद सिर्फ 8 रन के स्कोर पर अपनी विकेट ट्रेंट बोल्ट को थमा बैठे। टॉप ऑर्डर के तीनों खिलाड़ियों के विकेट चटकाने के बाद अब न्यूजीलैंड की पेस अटैक ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया था।
मगर कप्तान कोहली को कुछ और ही मंजूर था... कोहली का साथ देने के लिए अब मैदान पर आए उपकप्तान अजिंक्य रहाणे। दोनों अनुभवी खिलाड़ियों ने संभलकर भारतीय पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया। विराट और रहाणे हमेशा से ही बड़ी-बड़ी साझेदारी बनाने के लिए जाने जाते हैं और इस बार भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा था कि तभी खराब रौशनी के चलते खेल को बार-बार रोकना पड़ा।
दूसरे दिन 64.4 ओवर का खेल देखने को मिला और टीम इंडिया का स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 146 रन रहा। विराट कोहली 44 (124) और अजिंक्य रहाणे 29 (79) पर नाबाद हैं।
टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के तीसरे दिन भारतीय टीम की रणनीति जरुर एक बड़े स्कोर की ओर रहेगी। हालांकि, टीम को अगर बड़ा स्कोर बनाना है तो कप्तान विराट कोहली को जरुर एक बड़ी पारी खेलनी होगी।