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दोहरे शतक के करीब यशस्वी जायसवाल, 2 विकेट गंवाकर भारत 300 पार

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WD Sports Desk

, शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 (18:24 IST)
INDvsWI सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने अपने टेस्ट करियर का सातवां शतक जड़ा जबकि साई सुदर्शन ने भी अपने कौशल का अच्छा नमूना पेश करके टीम में अपनी उपयोगिता साबित की जिससे भारत ने वेस्टइंडीज के आक्रमण की धज्जियां उड़ाते हुए दूसरे एवं अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन शुक्रवार को यहां दो विकेट पर 318 रन बनाए।

शुभमन गिल ने कप्तान के रूप में पहली बार टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जिसका जायसवाल ने पूरा फायदा उठाया। पहले टेस्ट में बड़ा स्कोर बनाने से चूकने वाले जायसवाल दूसरे मौके को हाथ से जाने देने के मूड में नहीं थे और उन्होंने कुछ आकर्षक शॉट लगाए। वह 253 गेंदों पर 22 चौकों की मदद से 173 रन बनाकर खेल रहे हैं।

सुदर्शन हालांकि अपना पहला टेस्ट शतक पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने 165 गेंद का सामना करके 87 रन बनाए जिसमें 12 चौके शामिल हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज का यह सर्वोच्च टेस्ट स्कोर है। सुदर्शन और जायसवाल ने दूसरे विकेट के लिए 193 रन जोड़कर वेस्टइंडीज के कमजोर आक्रमण की कलई खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

दिन का खेल समाप्त होने के समय जायसवाल के साथ कप्तान शुभमन गिल 20 रन बनाकर खेल रहे थे। भारतीय कप्तान ने सतर्कता बरती और अभी तक उन्होंने 68 गेंद का सामना करके तीन चौके लगाए हैं। इन दोनों बल्लेबाजों ने अभी तक तीसरे विकेट के लिए 67 रन जोड़े हैं।

केएल राहुल (38) का किस्मत ने साथ नहीं दिया। बाएं हाथ के स्पिनर जोमेल वारिकन की सुबह के सत्र में सिर्फ़ एक गेंद टर्न और बाउंस हुई जिस पर उन्होंने राहुल का कीमती विकेट हासिल किया।

वारिकन ने तीसरे सत्र में एक और टर्न लेती गेंद पर सुदर्शन को पगबाधा आउट करके वेस्टइंडीज को दूसरी सफलता दिलाई। उन्होंने अब तक 60 रन देकर दो विकेट लिए हैं। उनके अलावा वेस्टइंडीज के अन्य गेंदबाज दिन भर सफलता हासिल करने के लिए तरसते रहे।
भारत ने पहले सत्र में एक विकेट खोकर 94 रन बनाए थे। उसने दूसरे सत्र में बिना किसी नुकसान के 126 रन जोड़कर वेस्टइंडीज की गेंदबाजी को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया। भारत में तीसरे सत्र में 98 रन जोड़े और इस बीच सुदर्शन का विकेट गंवाया।

वेस्टइंडीज के स्पिनरों की लेंथ सही नहीं थी जबकि उसके तेज गेंदबाज सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी नहीं कर पाए जिससे भारत के बल्लेबाजों को रन बनाने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई।

जायसवाल और सुदर्शन में आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की और लंच के बाद पहले घंटे में एक समय वे लगभग छह रन प्रति ओवर की दर से रन बना रहे थे, लेकिन दूसरे घंटे में उनकी गति थोड़ी धीमी हो गई।

वेस्टइंडीज को दूसरे सत्र में विकेट हासिल करने का एकमात्र मौका तब मिला जब सुदर्शन ने जस्टिन ग्रीव्स की गेंद को शॉर्ट मिडविकेट पर थोड़ा हवा में खेला लेकिन वारिकन कैच नहीं ले पाए। सुदर्शन तब 58 रन पर खेल रहे थे।

सुदर्शन के लिए अरुण जेटली स्टेडियम का मैदान फिर से भाग्यशाली साबित हुआ क्योंकि पिछली बार जब वह यहां खेले थे तो उन्होंने तमिलनाडु की तरफ से शतक बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने का उनका सपना हालांकि यहां पूरा नहीं हो पाया। वारिकन की गेंद को एक्रॉस द लाइन खेलने के प्रयास में उन्हें पगबाधा करार दिया गया और रिव्यू भी उन्हें पवेलियन लौटने से नहीं बचा पाया।

जायसवाल ने संयम और आक्रामकता का अच्छा नमूना पेश किया। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज शुरू से ही बड़ा स्कोर बनाने की मंशा के साथ खेल रहा था। वेस्टइंडीज ने दिन के आखिरी पलों में उनके पगबाधा के लिए रिव्यू भी लिया लेकिन इससे जायसवाल पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
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इससे पहले सुबह के सत्र में राहुल ने वारिकन की गेंद पर स्टंप आउट होने से पहले पिछले ओवर में स्पिनर खैरी पियरे को डीप मिडविकेट पर छक्का लगाया था। वह वारिकन की गेंद की लेंथ का सही अनुमान नहीं लगा पाए और विकेटकीपर टेविन इमलाच ने उन्हें स्टंप आउट करने में कोई गलती नहीं की।

बल्लेबाजी के लिए अनुकूल दिख रही पिच पर शानदार फॉर्म में चल रहे राहुल से बड़ी पारी की उम्मीद थी। जेडन सील्स की गेंद पर कवर्स के ऊपर से लगाया गया उनका बैकफुट पंच कमाल का था। पवेलियन लौटने से पहले उन्होंने पांच चौके और एक छक्का लगाया। राहुल और जायसवाल ने पहले विकेट के लिए 58 रन की साझेदारी की।

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