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खराब फॉर्म के साथ टीम इंडिया में फिर लौटा यो यो टेस्ट और डेक्सा

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WD Sports Desk

, गुरुवार, 16 जनवरी 2025 (17:09 IST)
जब जब भारतीय टीम का खराब फॉर्म आता है तो यो यो टेस्ट और डेक्सा भारतीय टीम के ड्रेसिंग रुम में घुस जाते हैं। गौरतलब है कि  योयो टेस्ट एक फिटनेस मानक है जिसे खिलाड़ी को पूरा करना पड़ता है।

यो यो टेस्ट के अलावा डेक्सा (हड्डी का स्कैन टेस्ट) भी चयन के मानदंडों में शामिल किया गया है। यह भी तय किया गया कि आईपीएल के लिये लाल गेंद के क्रिकेट पर सफेद गेंद के क्रिकेट को तरजीह देने वाले उदीयमान क्रिकेटरों को राष्ट्रीय टीम में चयन के लिये घरेलू क्रिकेट खेलनी होगी।

विराट की कप्तानी में शुरु हुआ था यो यो टेस्ट

यो यो टेस्ट एरोबिक फिटनेस टेस्ट है जिससे दमखम का आकलन किया जाता है। इसमें बीस बीस मीटर की दूरी पर रखे गए मार्कर के बीच बढती हुई गति से दौड़ना होता है।विराट कोहली के भारतीय टीम का कप्तान रहते यह टेस्ट शुरू किया गया था। इसमें पहले पास होने के लिये 16 . 1 स्कोर जरूरी था जो बाद में 16 . 5 कर दिया गया।

इसके तहत खिलाड़ियों को टाइम ट्रायल के तहत दो किलोमीटर तक दौड़ लगानी होगी। बीसीसीआई ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के साथ मिलकर बनाए इन दो नए टेस्ट में से एक को पार करना अनिवार्य किया है। यो-यो टेस्ट के तहत जहां खिलाड़ियों को धीरे-धीरे गति बढ़ाते हुए 20 मीटर का चक्कर लगाना होगा तो वहीं दूसरे टेस्ट में तेज गेंदबाजों को 8.15 मिनट जबकि अन्य खिलाड़ियों को 8.30 मिनट पर दाे किलोमीटर दौड़ पूरी करनी होगी।

इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य सिर्फ यह ही नहीं है कि फिट खिलाड़ी ही मैदान पर उतरे बल्कि वह खिलाड़ियों को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में भीड़ लगाने से भी रोकता है। जितने कम चोटिल खिलाड़ी होंगे उतना ही काम  राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का कम होगा और वह क्रिकेट की नई पौध को सींचने का काम करेगा।

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