भारत ने ओवल के मैदान पर चमत्कारिक खेल का मुजाहिरा करते हुए इंग्लैंड को न केवल छठे एक दिवसीय मैच में सनसनीखेज ढंग से 2 विकेट से हराया, बल्कि 7 मैचों की नेटवेस्ट सिरीज में 3-3 की बराबरी भी कर ली है। सातवाँ वनडे मैच 8 सितम्बर को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा।
317 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 49.4 ओवर में जीत दर्ज कर ली। भारतीय पारी में 'मैन ऑफ द मैच' सचिन तेंडुलकर ने 94, सौरव गांगुली ने 53, गंभीर ने 47 और रॉबिन उथप्पा ने 33 गेंदों पर नाबाद 47 रन बनाए। सही मायने में जीत के असली हकदार रॉबिन उथप्पा रहे, जिन्होंने एक मोर्चा संभाले रखा।
बंगलोर के 21 वर्षीय बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा आमतौर पर पारी की शुरुआत करने मैदान पर उतरते रहे हैं, लेकिन आज वे भारत के 234 रन पर पाँच विकेट गिरने के बाद विकट स्थिति में मैदान में आए, जब जीत के लिए अंतिम 9 ओवरों में 83 रन की जरूरत थी।
इस युवा बल्लेबाज ने महेन्द्र सिंह धोनी (35) के साथ मिलकर इंग्लैंड गेंदबाजी आक्रमण को पीछे धकेल दिया और अपने जोड़ीदार के आउट होने के बाद भी धैर्य से काम लेते हुए अंतिम ओवर में विजयी चौका जड़ दिया।
विजेता टीम को चार गेंदों में आठ रन की जरूरत थी। गेंदबाज थे स्टुअर्ट ब्रॉड। उथप्पा ने उनकी चौथी फुल टॉस गेंद को फाइन लेग क्षेत्र में सीमा पार पहुँचाकर भारतीय क्रिकेटरों और प्रशंसकों को मस्त कर दिया।
इससे पूर्व इंग्लैड ने 6 विकेट पर 316 रन बनाए थे। ओवेंस शाह ने 107 रन की शानदार पारी खेली, जबकि पीटरसन ने 53, व्हाइट ने 50, बेल ने 49 रनों का योगदान दिया। मासकरेंहॉस ने युवराजसिंह के 50वें ओवर में अंतिम पाँच गेंदों पर 5 छक्कों की मदद से नाबाद 36 रन ठोंक डाले।
इससे पूर्व इंग्लैंड ने खराब शुरुआत से उबरकर भारतीय गेंदबाजी की धज्जियाँ उड़ाते हुए 316 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। मध्यक्रम के बल्लेबाज ओवेंस शाह ने अपने कॅरियर का पहला शतक जमाते हुए मेजबान टीम को संकट से उबारा। अपना पहला मैच खेल रहे ल्यूक राइट ने भी शाह का अच्छा साथ देते हुए अर्धशतक बनाया।
शाह ने सिर्फ 95 गेंदों में नाबाद 107 रन की पारी खेली। उन्होंने इस दौरान 11 चौके और दो छक्के जड़े। राइट ने दूसरी तरफ सिर्फ 39 गेंदों में 50 रन बनाए। शाह और राइट ने छठे विकेट के लिए 106 रन जोड़े और एक समय 31वें ओवर में 137 रन पर पाँच विकेट गँवाने के बाद परेशानी में घिरी मेजबान टीम को संकट से उबारा।
भारत को हालाँकि कामचलाऊ ऑलराउंडर दिमित्री मासकरेंहॉस ने पारी के अंत में जोरदार झटका दिया। मासकरेंहॉस ने युवराजसिंह द्वारा फेंके गए पारी के अंतिम ओवर की अंतिम पाँच गेंदों पर पाँच छक्के जड़कर इंग्लैंड का स्कोर 300 रन के पार पहुँचाया।
शाह और मासकरेंहॉस ने सातवें विकेट के लिए मात्र 34 गेंद में नाबाद 73 रन जोड़े। भारतीय गेंदबाजों की मेजबान टीम के बल्लेबाजों ने जमकर धुनाई की। युवराज ने सिर्फ पाँच ओवर में 59 रन खर्च कर डाले, जबकि अजीत आगरकर ने 10 ओवर में 63 रन देकर कप्तान राहुल द्रविड़ की समस्याओं को बढ़ाया ही। उन्होंने हालाँकि एक विकेट भी हासिल किया।
इंग्लैंड के लिए केविन पीटरसन 53 और इयान बेल 49 ने भी उपयोगी पारियाँ खेलीं। सिर्फ बीस रन के स्कोर पर सलामी बल्लेबाजों कुक शून्य और मैट प्रायर छह रन के पैवेलियन लौटने के बाद इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 59 रन जोड़े।
इंग्लैंड की पारी में इसके बाद कप्तान पॉल कॉलिंगवुड का विवादास्पद रनआउट भी देखने को मिला। स्थानापन्न खिलाड़ी दिनेश कार्तिक के थ्रो पर विकेटकीपर महेंद्रसिंह धोनी ने कॉलिंगवुड को रन आउट कर दिया, लेकिन भारत की अपील पर इंग्लैंड के अंपायर पीटर हर्टली ने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन जब मैदान पर लगी बड़ी स्क्रीन पर रिप्ले दिखाए जाने लगे, तो उन्होंने आउट के इस फैसले को तीसरे अंपायर को सौंप दिया।
पीटरसन और राइट भी रनआउट हुए, जो यह दर्शाता है कि मेहमान टीम का क्षेत्ररक्षण पिछले मैचों के मुकाबले बेहतर रहा। भारत की ओर से जहीर खान (43 रन देकर एक विकेट), पीयूष चावला (43 पर एक विकेट) और रोमेश पोवार (बिना कोई विकेट लिए 44 रन) ने किफायती गेंदबाजी की। जहीर और चावला ने दस-दस, जबकि पोवार ने नौ ओवर डाले।
भारत को पाँचवें गेंदबाज की कमी काफी खली। शाह ने अपनी पहली ही गेंद पर चौका जड़कर शुरुआत की। राइट ने उनके साथ मिलकर रन गति बढ़ाने का प्रयास किया और पारी के 33वें ओवर में युवराज की गेंद को स्वीप करके पहले चौका और फिर छक्का मारा। उन्होंने आक्रामक रवैया अपनाते हुए मैदान के चारों ओर शॉट खेले।
शाह ने 62 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और इसके बाद आगरकर की फुलटॉस गेंद को सीमारेखा के पार पहुँचाया। उन्होंने आगरकर पर मिडविकेट क्षेत्र में छक्का भी जड़ा।
उन्होंने पारी के 49वें ओवर में सचिन तेंडुलकर पर स्ट्रेट ड्राइव से चौका लगाकर अपना शतक पूरा किया। उन्होंने दस चौकों और दो छक्कों की मदद से 91 गेंदों में शतक पूरा किया।