एक फिल्मकार के रूप में शहरबानो सदात ने बीते महीने देखा कि कैसे अफगानिस्तान में तालिबान के लड़ाकों ने देश पर कब्जा कर लिया। उन्होंने खौफ में भागते हुए लोगों को देखा और वे समझ गईं कि अब जाने का समय आ गया है।
शहरबानो सदात के परिवार की काबुल से खतरनाक तरीके से बच निकलने के बाद, अब वह विश्व सरकारों को चेतावनी दे रही हैं कि ''तालिबान एक आतंकवादी समूह है'' और दुनिया को एहसास होना चाहिए कि वे खतरनाक हैं। सदात फिलहाल पेरिस में हैं और उन्होंने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस से बात की।
पश्चिमी देशों से उम्मीद
सदात कहती हैं, ''मैं लोकतंत्र, मानवाधिकारों, महिला अधिकारों में अपना विश्वास खो रही हूं।'' क्योंकि उन्हें लगता है कि पश्चिमी देश इन मुद्दों को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं कर रहे हैं।
सदात की पहली फिल्म ''वुल्फ एंड शीप'' ने साल 2016 में कान फिल्म फेस्टीवल में एक अवॉर्ड जीता था। विदेशी सरकारों द्वारा हजारों लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के दौरान सदात के परिवार के नौ सदस्य भी देश से निकलने में कामयाब रहे।
वे कहती हैं कि परिवार ने काबुल एयरपोर्ट पर 72 घंटे बिताए। देश से बाहर निकलने के लिए कड़ी जद्दोजहद की। वे बताती हैं कि उन्होंने कतर में ही नींद ली, लोगों की इतनी भीड़ थी कि पांच मिनट में कुछ सेंटीमीटर लाइन आगे बढ़ती।
फ्रांस में रहकर देश की फिक्र
सदात कहती हैं, "तीन दिनों के लिए हमें क्वॉरंटीन किया गया, इसलिए हम कहीं नहीं जा सकते थे। मेरे पास इंटरनेट नहीं था। जब उन्होंने हमें जाने दिया तो हमारे पास केवल दो घंटे थे और मैं सिम कार्ड लेने के लिए मोबाइल की दुकान पर गई, लेकिन दूसरे लोग आइफल टावर देखने चले गए।"
सदात कहती हैं कि उन्हें इस बात को लेकर बहुत गुस्सा आया क्योंकि हमने अपने देश को खो दिया और लोग लापरवाह दिखे। वे लोग पर्यटन में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं जबकि घर में संकट है।
सदात अफगानिस्तान में अपने रिश्तेदारों को लेकर चिंतित हैं और एक कलाकार को लेकर फिक्रमंद हैं जो पंजशीर में ही फंसी हुई हैं।
सदात जर्मनी में अपनी बहन और पार्टनर के पास जाने की उम्मदी जता रही हैं। वह अपनी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म पर दोबारा से काम शुरू करना चाहती हैं।
वे कहती हैं, "एक अफगान से अफगानिस्तान के युद्ध और एक स्त्री परिप्रेक्ष्य के बारे में बात करना महत्वपूर्ण है।"