एप्पल की मार्केट वैल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर को पार कर वापस लौट आई है, जिससे निवेशक उत्साहित हैं लेकिन जानकार मानते हैं कि आने वाले सालों में कंपनी की तरक्की ऐसी ही बनी रहेगी, इसमें संशय है।
आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल की मार्केट वैल्यू सोमवार को अमेरिकी शेयर मार्केट पर थोड़ी गिरने से पहले 3 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर के ऊपर चली गई। भले ही एप्पल इस कीमत को बरकरार नहीं रख पाई हो लेकिन यह बात कंपनी में निवेशकों के विश्वास को साफ तौर पर दिखाती है। एप्पल 3 ट्रिलियन डॉलर यानी 30 खरब डॉलर का मार्केट कैप छूने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई है। रुपयों में यह रकम करीब 2.24 लाख अरब रुपए होगी।
साल के पहले ही दिन ट्रेडिंग के दौरान टेक कंपनी के शेयर 182.88 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचे। यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है हालांकि मार्केट बंद होने से पहले उनमें थोड़ी गिरावट भी आई। एप्पल ने अगस्त, 2020 में महामारी के दौरान 2 ट्रिलियन डॉलर मार्केट वैल्यू का आंकड़ा छुआ था, जब दुनिया भर में इलेक्ट्रिक उत्पादों की भारी मांग थी। कंपनी को अपने वैल्यूएशन में 1 ट्रिलियन डॉलर और जोड़ने में मात्र 16 महीने लगे।
भागता शेयर का दाम
दुनिया की सबसे कीमती कंपनी पर लगातार निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। अब भी आईफोन और मैकबुक की भारी बिक्री इसकी वजह है। इसके साथ ही एप्पल टीवी और एप्पल म्यूजिक से भी कंपनी की कमाई हो रही है। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर एप्पल 1980 से ही लिस्टेड है। स्टीव जॉब्स के कार्यकाल के दौरान 1997 से 2011 तक एप्पल ने लगातार नए शिखर छुए। अब टिम कुक के नेतृत्व में भी कंपनी के शेयरों के दाम लगातार नई ऊंचाइयां तय कर रहे हैं।
पिछले पांच सालों में शेयरधारकों ने कंपनी में अपने निवेश को छह गुना होते देखा है। हालांकि शेयर मार्केट अब भी कोविड महामारी के प्रकोप से निकलने की कोशिश में लगा है। इसे टेस्ला, एप्पल और ग्राफिक्स चिपमेकर एनवीडिया से काफी मदद मिल रही है।
4-5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचना मुश्किल भरा
रिफिनिटिव के आंकड़ों के मुताबिक एप्पल का मार्केट वैल्यूएशन एसएंडपी 500 इंडेक्स के कुल वैल्यूएशन का लगभग 7 फीसदी है। यह किसी कंपनी का इंडेक्स में अब तक का सबसे बड़ा हिस्सा है।
हालांकि न्यूयॉर्क की कंपनी ओआंडा में सीनियर मार्केट एनलिस्ट एडवर्ड मोया कहते हैं, "महामारी के दौरान कई लोगों ने जो चीजें खरीदीं उनमें एप्पल के उत्पाद प्रमुख रहे। और जैसे-जैसे महामारी खत्म होती जा रही है, आईफोन निर्माता को थोड़ा संघर्ष भी करना पड़ सकता है।
अगला बड़ा उत्पाद क्या होगा, यह अभी साफ नहीं है। ऐसे में इसके लिए दो से तीन ट्रिलियन तक पहुंचना जितना आसान रहा है, उतना आसान चार या पांच ट्रिलियन तक पहुंचना नहीं होगा।"
एप्पल सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पाद आईफोन पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है और इसकी भविष्य की योजनाएं सेल्फ-ड्राइविंग कारों और एआई से जुड़ी हैं। लेकिन अब भी इसकी आधी से ज्यादा कमाई आईफोन से ही होती है।
भारत की अर्थव्यवस्था से बड़ी एप्पल
यह जानना भी रोचक है कि एप्पल की मार्केट वैल्यू यूरोप के ज्यादातर शेयर बाजारों में लिस्टेड कुल कंपनियों से भी ज्यादा है। इतना ही नहीं एप्पल की मार्केट वैल्यू भारत की अर्थव्यवस्था के कुल आकार से ज्यादा हो चुकी है और जर्मनी की कुल अर्थव्यवस्था के करीब पहुंच रही है।
रविवार को इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने कहा है कि उसने पिछले साल दुनिया भर में 9.36 लाख कारों की बिक्री की है, जो साल 2020 के आंकड़ों के मुकाबले 87 फीसदी ज्यादा है। यह मार्केट के लिए एक और अच्छी खबर हो सकती है।
एडी/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)