अडाणी समूह मुंबई की धारावी झुग्गी बस्ती को एक आधुनिक शहरी बस्ती बनाने पर काम कर रहा है। लेकिन अब समूह इस पुनर्वास योजना से विस्थापित होने वाले लोगों को कहीं और बसाने के लिए जमीन का इंतजाम नहीं कर पा रहा है।
करीब 5,000 करोड़ रुपयों की यह पुनर्वास योजना 594 एकड़ में फैली धारावी झुग्गी बस्ती को एक आधुनिक शहरी मुहल्ला बनाने की महत्वाकांक्षी योजना है। इस परियोजना को अडाणी समूह को सौंपे जाने का पहले ही कुछ राजनीतिक दल विरोध कर चुके हैं।
उनका कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने अडाणी समूह को इस योजना का ठेका सौंपने के लिए ग्रुप को अनुचित लाभ दिए। अब इस परियोजना को लेकर समूह के सामने एक नई चुनौती आ गई है।
सरकारी विभाग नहीं दे रहे जमीन
दरअसल इस पुनर्वास योजना के नियमों के तहत यहां सिर्फ उन्हें आवास मिलेगा, जो धारावी में साल 2000 से पहले रहते थे। इस नियम की वजह से करीब सात लाख लोग यहां पर मकान मिलने के लिए अयोग्य हैं। इनके लिए समूह को दूसरी जगह मकान बनाने होंगे, जिसके लिए कम-से-कम 580 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी।
धारावी पुनर्विकास प्राधिकरण के प्रमुख एसवीआर श्रीनिवास का कहना है कि इन 'अयोग्य' लोगों के लिए मकान बनाने के लिए अडानी समूह के नेतृत्व वाले जॉइंट वेंचर ने कई स्थानीय विभागों और भारत सरकार के विभागों में जमीन के लिए आवेदन दिया, लेकिन अभी तक कोई जमीन नहीं मिली है।
श्रीनिवास ने बताया कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि सरकारी एजेंसियों के पास जो जमीन है, उसे लेकर उनकी अपनी योजनाएं हैं और विभाग अपनी जमीन नहीं देना चाह रहे हैं। उनका कहना है, "मुंबई में जमीन पाना सबसे मुश्किल कामों में से है। हमें अभी तक एक इंच जमीन भी नहीं मिली है।"
काम समय से पूरा होने पर संदेह
श्रीनिवास से जब पूछा गया कि क्या भूमि अधिग्रहण में हो रही देरी परियोजना की तारीखों पर असर डालेगी, तो उन्होंने कहा, "हां, बिना जमीन के तो परियोजना हो ही नहीं सकती, तो परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए यह बेहद जरूरी फैक्टर है।"
प्राधिकरण में अडाणी समूह की अधिकांश हिस्सेदारी है। समूह ने इस विषय पर टिप्पणी करने के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। यह परियोजना समूह के लिए महत्वपूर्ण और हाई-प्रोफाइल है।
इसकी शुरुआत इसी साल मार्च में एक सर्वे के साथ हुई थी, जिसका उद्देश्य था साल 2000 से पहले से रह रहे लोगों की सही संख्या का पता लगाना। सात सालों में निर्माण पूरा करना करने का लक्ष्य रखा गया है। अडाणी समूह ने यह स्वीकारा है कि धारावी के पुननिर्माण में "बहुत बड़ी" चुनौतियां हैं।