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लिपस्टिक से समाज बदलने की मुहिम

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, गुरुवार, 23 जनवरी 2020 (00:18 IST)
कनाडा के मूल निवासी समुदाय की कई महिलाएं खुद को सशक्त बनाकर समाज में फैली हिंसा को खत्म कर रही हैं। इन्हीं में से एक जेन हार्पर घर पर ब्यूटी कॉस्मेटिक बनाती हैं और इससे होने वाले मुनाफे से अपने समुदाय की मदद कर रही हैं।
  
जब जेन हार्पर ने बचपन में होंठों पर लिप ग्लोस लगाने का सपना देखा तो वे जानती थीं कि उन्हें अपने समुदाय की मदद करने का रास्ता मिल गया है। जेन ने अपने कॉस्मेटिक ब्रांड चिकबोन ब्यूटी की शुरुआत 2015 में अपने किचन से की। हार्पर ने अपने कॉस्मेटिक उत्पादों के नाम उत्तरी अमेरिका की सफल मूल निवासी महिलाओं के नाम पर रखे हैं। वे अपने बिजनेस से होने वाले मुनाफे का 10 प्रतिशत बच्चों की पढ़ाई के लिए देती हैं।
 
जेन हार्पर कनाडा की उन मूल निवासी महिलाओं में से हैं, जो खुद अपना कारोबार खड़ा कर रही हैं और उनका उद्देश्य उन मूल निवासी महिलाओं की जिंदगी को बदलना है, जो कई दशकों से हिंसा झेल रही है। हार्पर कहती हैं कि वे ऐसा व्यवसाय चाहती थीं, जो मूल निवासी युवाओं खासतौर पर लड़कियों को प्रेरित करे। मूल निवासी लड़कियों में आत्महत्या की दर बाकी समुदायों की तुलना में 6 प्रतिशत ज्यादा है।
 
सुर्ख गुलाबी लिपस्टिक लगाए 43 साल की हार्पर ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन से बातचीत में कहा कि मैं लिपस्टिक का इस्तेमाल एक मंच के तौर पर रही हूं जिससे मैं अपने समाज के युवाओं को जागरूक कर सकूं। हम मूल निवासी युवाओं को बदलना चाहते हैं, उन्हें दिखाना चाहते हैं कि वे भी काबिल हैं और उन्हें अपने इतिहास को लेकर शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है।
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शराब की लत और हिंसा से कई परिवार बर्बाद
 
हार्पर के लिए यह मुहिम निजी है। उनकी दादी एमिली पॉल उन 1 लाख 50 हजार बच्चों में शामिल थीं जिन्हें 1840 के दशक से 1990 के दशक के बीच यूरो-कनाडाई संस्कृति सिखाने के लिए जबरन आवासीय स्कूलों में रखा गया था। 
 
हार्पर के मुताबिक कई लोगों की तरह उनका परिवार भी सरकार की ऐसी दमनकारी नीति के प्रभाव से उबर नहीं पाया। इन नीतियों ने परिवारों को अलग कर दिया। परिवारों में नशे की लत और हिंसा पैदा हो गई। इसका असर कई पीढ़ियों ने देखा और आज भी देख रहे हैं। हार्पर ही खुद को नशे की लत से 2014 में निजात दिला पाईं। दूसरी ओर उनके भाई ने 32 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली।
 
हार्पर कहती हैं कि युवाओं की मदद करने के लिए यह बिजनेस खड़ा करने के लिए उनके भाई की मदद बहुत काम आई। उसके कहने पर उन्होंने नौकरी छोड़ने का साहस भी किया। चिकबोन ब्यूटी को वे अपने घर से ही चलाती हैं। हार्पर का दावा है कि उनके उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं।
 
2018 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हार्पर को महिला उद्यमियों की कॉन्फ्रेंस में भी बुलाया था। हार्पर ओंटारियो प्रांत के नियाग्रा इलाके में अपने 2 बच्चों से साथ रहती हैं। वे कहती हैं कि मुझे अपने व्यवसाय को स्थापित करने के दौरान अहसास हुआ कि मूल निवासी महिलाओं के जीवन को बदलने के लिए अपनी कहानी उनके साथ साझा करना कितना महत्वपूर्ण था।
 
2016 की जनगणना के मुताबिक कनाडा की 3.50 करोड़ की आबादी में 4.9 प्रतिशत यानी 17 लाख मूल निवासी हैं। उनमें से बहुत से गरीबी, शराब और ड्रग्स की लत और हिंसा से जूझ रहे हैं। 2019 जून में कनाडाई सरकार की जांच में पता कि 1980 से 2012 के बीच मूल निवासी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ व्यापक हिंसा हुई जिसके चलते कम से 1,000 महिलाओं ने आत्महत्याएं कीं। इसे राष्ट्रीय नरसंहार कहा गया।
 
जांच में कनाडाई समाज की उदासीनता के अलावा लंबे समय से चले आ रहे नस्लवाद, उपनिवेशवाद और लैंगिक भेदभाव को हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया। लेकिन कुछ संस्थाओं का मानना है कि इन 3 दशकों में करीब 4 से 5 हजार महिलाओं की या तो हत्या हुई या फिर उन्हें गायब कर दिया गया।
 
कनाडा की सरकार ने 2025 तक महिलाओं के व्यवसाय की संख्या को दोगुना करने के लिए 2 अरब डॉलर का निवेश करने का फैसला किया, साथ ही कनाडा की मूल निवासी महिला उद्यमियों की मदद करने के लिए 45 लाख डॉलर खर्च किए जाएंगे।
 
एसबी/एके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

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