अफ्रीकी देश रवांडा ने ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। 700 गिरजाघरों को बंद करने के बाद सरकार ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर भी बैन किए।
रवांडा की राजधानी किगाली में कोई भी मस्जिद लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी। दिन में पांच बार अजान के लिए इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकरों पर पाबंदी लगा दी गई है। प्रशासन के मुताबिक शहर के बाशिंदों को शोर से बचाने के लिए यह पाबंदी लगाई गई है।
मुस्लिम एसोसिएशन के एक अधिकारी ने प्रतिबंध की आलोचना की है। अधिकारी के मुताबिक बैन लगाने के बजाए वे खुद लाउडस्पीकर की आवाज को धीमा कर सकते थे। वहीं मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने प्रशासन के फैसले का सम्मान किया है। उनके मुताबिक लाउडस्पीकर के बिना भी लोग नमाज के लिए जा रहे हैं।
रवांडा सरकार ने फरवरी में 775 चर्चों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें बंद कर दिया। प्रशासन के मुताबिक पांच जिलों के इन चर्चों में कई न्यूतनतम जरूरतें पूरी नहीं की गई थी। नियमों के मुताबिक चर्चों में साफ सफाई की कमी थी। साथ ही सेफ्टी मानक भी पूरे नहीं थे। इसी आधार पर एक मस्जिद को भी बंद कर दिया गया।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए उत्तरी प्रांत के गवर्नर जॉ मारी वियाने गाताबाजी ने कहा, "जो भी उपासना स्थल न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें बंद कर दिया जाएगा। अगर मालिक स्टैंडर्ड्स पर खरे उतरते हैं तो उन्हें अपना काम काज जारी रखने की अनुमति फिर से दी जाएगी।"
मुसांजे जिले में इंवागेलिक चर्च के पादरी जोनास माताबारो ने प्रशासन के फैसले का स्वागत किया है, "मुझे इस फैसले में कोई नुकसान नहीं दिखता, मुझे लगता है कि ये फैसले लोगों को हित में लिए गए हैं।"
देश के कई अहम इलाकों में प्रशासन ने एक सर्वे भी कराया। सर्वे में ज्यादातर नागरिकों ने उपासना स्थलों के काम काज को लेकर आपत्ति जताई। प्रशासन के मुताबिक सर्वे के बाद ही यह कदम उठाए जा रहे हैं। देश में कई जगहों पर टेंटों में चर्च चल रहे थे। साथ ही उपासना स्थलों पर बड़े बड़े लाउडस्पीकर लगाए गए थे।