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आपके ऑडियो मैसेज को सुन और सुना रहा है फेसबुक

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, शुक्रवार, 16 अगस्त 2019 (11:54 IST)
फेसबुक ने यूजर्स के ऑडियो को सुनने और उसकी नकल कर लिखने के लिए सैंकड़ो कांट्रैक्टरों को काम पर रखा। कुछ कांट्रैक्टर्स ने कथित तौर पर यह महसूस किया कि उनका काम अनैतिक था।
 
 
ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनने के लिए अपने ट्रांसक्रिप्शन टूल का परीक्षण किया है। ब्लूमबर्ग ने सबसे पहले इसकी रिपोर्ट की और बताया कि इस काम के लिए यूजर्स के फेसबुक मैसेंजर का इस्तेमाल किया गया। सोशल मीडिया दिग्गज ने कैलिफोर्निया स्थित कंपनी में अनाम बातचीतों के ऑडियो भेजे, जहां के कर्मचारी इसे सुनेंगे और फिर इसे लिखेंगे। हालांकि, फेसबुक ने कहा है कि उसने ऑडियो रिकॉर्डिंग को ट्रांसक्रिप्ट करना बंद कर दिया है। कंपनी ने ब्लूमबर्ग से कहा, "गूगल और एप्पल की तरह हमने एक सप्ताह पहले ही इंसानों द्वारा ऑडियो की समीक्षा को रोक दिया था।"
 
फेसबुक ने लंबे समय से चले आ रहे उन अफवाहों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि वह विज्ञापन के मद्देनजर यूजरों के निजी बातचीत को सुन रहा था। पिछले साल अमेरिकी संसद कांग्रेस के समक्ष कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने इसे कांस्पिरेसी थ्योरी बताया था। उन्होंने कहा था, "आप उस कांस्पिरेसी थ्योरी के बारे में बात कर रहे हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि हम आपके माइक्रोफोन पर क्या चल रहा है, उसे सुनते हैं और विज्ञापनों के लिए इसका उपयोग करते हैं। हम वैसा नहीं करते हैं।"
 
हालांकि इस बार फेसबुक ने ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की पुष्टि की लेकिन कहा कि यह सिर्फ उन यूजरों के साथ हो रहा है जिन्होंने वॉयस चैट को लिखने का विकल्प चुना है। रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक ने यूजरों को कभी इसका सूचना नहीं दी कि थर्ड पार्टी उनके ऑडियो की समीक्षा कर सकते हैं। कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी यह कहती है कि इसके 'सिस्टम स्वचालित रूप से आपके और अन्य लोगों के लिए सामग्री और संचार को संसाधित करते हैं' लेकिन इसमें ऑडियो या इंसानों द्वारा उसकी नकल कर लिखने का उल्लेख नहीं है।
 
जब थर्ड पार्टी के साथ यूजरों के डेटा को शेयर करने की बात आती है, कंपनी उन वेंडरों और सर्विस प्रोवाइडर का हवाला देती है जो उसके व्यवसाय का समर्थन करती है लेकिन साथ ही यह भी कहती है उन्हें पूरी जानकारी नहीं दी जाती।
 
कांट्रैक्टरों को इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि ऑडियो कैसे रिकॉर्ड और प्राप्त किया गया। ब्लूमबर्ग ने लिखा है कि फेसबुक ने कांट्रैक्टरों को इस बात की जानकारी नहीं दी कि ऑडियो की नकल कर लिखने की क्या जरूरत है। कुछ कर्मचारियों ने महसूस किया कि उनका काम अनैतिक है। वे कंटेंट देख चकित थे क्योंकि किसी-किसी में काफी अश्लील बातें होती थी।
 
आरआर/एनआर  (एएफपी, रॉयटर्स)

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